वाराणसी में बोले अमित शाह, हमें अपनी राजभाषा को है मजबूत करने की जरूरत

राजभाषा
कार्यक्रम को संबोधित करते अमित शाह।

आरयू ब्यूरो, वाराणसी। दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को वाराणसी में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे गुजराती से ज्यादा हिंदी भाषा पसंद है। हमें अपनी राजभाषा को मजबूत करने की जरूरत है। हमें हिंदी भाषा बोलने में किसी भी प्रकार की शर्म नहीं आनी चाहिए, क्योंकि हमारी राजभाषा हमारा गौरव है और हमें अपने बच्चों से भी अपनी मातृभाषा हिंदी में बात करनी चाहिए।

गृहमंत्री ने आगे कहा, ‘मुझे गुजराती से ज्यादा हिंदी भाषा पसंद है। हम गुजराती हैं, लेकिन हमें हिंदी बोलने में हिचक नहीं होती है। यही आप सब को करना है , जिस दिन यह हिचक खत्म होगी, हिंदी सर्ममान्य हो जाएगी। हिंदी नदी की धारा है, इसको बहने दीजिए। यह किसी पर लादने की जरूरत नहीं। आजादी की लड़ाई के समय भी अलग-अलग प्रान्तों से लोगो ने सहभागिता की, लेकिन महात्मा गांधी जी हिंदी को ही जनांदोलन की भाषा बनाए।

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साथ ही कहा कि हिंदी के विद्वानों से एक ही आग्रह है इसे लचीला बनाने की दिशा में चिंतन करे। कार्य करें। राजभाषा विभाग ही नहीं ‘ मैं’ स्वयं आपके साथ खड़ा मिलूंगा। कमेटी गठित करने की बात होगी तो वह भी होगा। हिंदी को सभी की भाषा बनाने व इसके विकास के लिए निरन्तर प्रयास होगा।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तुलसीदास जी ने अवधि में रामचरित मानस लिखा। आज हर सनातन धर्म से जुड़े लोगों के घरों में यह पुस्तक मिल जाएगी। हर लोगो को जुबानी कुछ न कुछ चौपाई याद होगी। काशी तो हिंदी के उद्भव से लेकर अब तक कि सफर का गढ़ है। कार्यक्रम में सीएम के साथ ही यूपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।

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