समाजवाद नहीं, सुखवाद की है अखिलेश यादव की विचारधारा

चुनाव प्रचार
डॉ. चन्द्रमोहन। (फाइल फोटो।)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। भाजपा ने पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की विदेश यात्रा को लेकर गुरुवार को निशाना साधा है। साथ ही अखिलेश यादव को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से सीख लेने की भी नसीहत दी है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्‍ता डॉ. चन्‍द्रमोहन ने आज अपने एक बयान में कहा कि अखिलेश यादव ने यूपी का सीएम रहते हुए जिस तरह से भ्रष्टाचार का बोलबाला किया उसका उनके रहन-सहन से अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रदेश प्रवक्‍ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों के हिमायती होने का दिखावा करने वाले सपा मुखिया विलासिता के लिए विदेश यात्रा कर रहे हैं। अखिलेश यादव की विचारधारा समाजवाद की नहीं बल्कि सुखवाद की है। अखिलेश यादव तो वह साइकिल भी नहीं चलाते जो आम जनता चलाती है, बल्कि वे जिस साइकिल को चलाकर खुद को समाजवादी कहतें है, उस साइकिल को खरीदना आम आदमी के बस की बात ही नहीं है।

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हमला जारी रखते हुए चन्‍द्रमोहन ने कहा कि इसी विचारधारा के चलते उन्होंने अपने सरकारी आवास में भ्रष्टाचार के पैसे से सुख और आनन्द के वे सारे तामझाम किए थे, जिसकी एक सरकारी आवास में कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। यही वजह थी कि वे जाते समय सरकारी आवास से अपने ऐशो-आराम की चीजों को भी उखाड़ ले गए।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को सादगी पसंद वाला बताते हुए चन्‍द्रमोहन ने कह कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को योगी आदित्यनाथ की सादगी से सीख लेनी चाहिए। वह जब भी किसी जिले में भ्रमण के लिए जाते है तो वहां के महंगे होटलों में न रुककर सरकारी गेस्ट हाउस में ही ठहरते है।

सपा के खजाने के लिए हटाए गए मुलायम सिंह यादव

अंत में प्रदेश प्रवक्‍ता ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की कार्यप्रणाली में मितव्ययता बरतने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं, ताकि खजाने पर बोझ न पड़े। जबकि अखिलेश यादव पार्टी (सपा) के खजाने पर कब्‍जे के लिए ही अपने बुजुर्ग पिता मुलायम सिंह यादव को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा कर खुद अध्यक्ष बन बैठे। यही वजह है कि प्रदेश की जनता ही नहीं बल्कि दूसरी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी अखिलेश यादव को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

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