आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिसवालों की हत्या के बाद आरोपित विकास दुबे के एनकाउंटर व योगी सरकार के अन्य सख्त कदम उठाए जाने पर आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रविवार को मायावती ने योगी सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि सरकार अब ऐसा कोई काम न करे जिससे कि ब्राह्मण समाज खुद को उत्तर प्रदेश में असुरक्षित व आतंकित महसूस करे।
यूपी की पूर्व सीएम ने आज इस मामले में ट्विट करते हुए कहा कि, “ बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकांड के दुर्दांत विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।
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साथ ही, यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं, बल्कि इस बारे में जनविश्वास की बहाली के लिए मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।
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वहीं मायावती ने अपने तीसरे ट्विट में आज यह कहा कि, यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांट-छांटकर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है, जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त हो सकेगा।
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बतातें चलें कि विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले पुलिस व एसटीएफ ने उसके पांच साथियों व रिश्तेदारों को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जबकि विकास दुबे के मकान व उसके वाहनों पर भी पुलिस ने जेसीबी चला दी थी। इन सबके बाद अब योगी सरकार विकास दुबे से जुड़ी अकूत संपत्तियों की जांच कर रही है। समझा जा रहा है कि यह संपत्तियां भी जब्त की जा सकती है, इसके अलावा कृष्णानगर स्थित विकास दुबे के मकान को भी एलडीए ध्वस्त कर सकता है।