आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। देवरिया के मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह का मामला खुलने के बाद से योगी सरकार पर विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं। इसी बीच मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने विपक्ष के हमलों पर पलटवार करते हुए मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।
लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए रीता बहुगुणा ने विपक्ष पर निशाना साधने के साथ ही सवालिया लहजे में पूछा कि जो दल इस मामले में राजनीति कर रहे हैं, पहले वे बताएं किनके राज में ये शेल्टर होम फले-फूले। उन्होंने कहा कि बसपा और सपा सरकार में इस गृह को बढ़ावा मिला। इतना ही नहीं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी में सपा और बसपा ने गलत लोगों को रखा।
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वहीं योगी सरकार का बचाव करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 21 ऐसे गृहों की मान्यता समाप्त कर दी। इतना ही नहीं सरकार मामले में 70 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। देवरिया खुलासे के बाद सरकार पूरी तत्परता से जांच भी करवा रही है।
मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह मामले में डीपीओ ने 15 नोटिस दिए थे। मामले में स्थानीय स्तर पर लापरवाही हुई है। अगर हम थोड़ी सावधानी से काम करते तो यह घटना नहीं होती। आज शाम को जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि देवरिया मामले में प्रारंभिक जांच में यौन शोषण की बात सामने आ रही है। दो सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट आज शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि शेल्टर होम से 23 बच्चे मिले हैं। बाकी गायब बच्चों का रिकॉर्ड्स से टैली करवाकर पता लगाया जा रहा है। रीता बहुगुणा ने कहा कि अब मंडल स्तर पर सरकार बड़े बाल गृह खोलेगी। इस मामले में सरकार केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के सुझावों पर भी अमल करेगी। बीजेपी की सरकार जिम्मेदार एनजीओ को काम सौंप रही है।