आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लखनऊ पुलिस की गोली का शिकार हुए एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया। इससे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच विवेक के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर अंतिम क्रिया के लिए तैयार किया गया। जिसके बाद बैकुंठ धाम में बड़े भाई राजेश तिवारी ने मुखाग्नि दी।
आज सुबह करीब आठ बजे विवेक की अंतिम यात्रा न्यू हैदराबाद स्थित आकाश गंगा टावर से गमगीन माहौल में निकली। वहीं अंतिम यात्रा के दौरान परिवारवालों के सब्र का बांध आज एक बार फिर टूट गया। परिवारवालों को बिलखता देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई।
वहीं आज बैकुण्ठ धाम में मौजूद लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिला। लोगों का कहना था कि ऐसी गुंडई तो कभी नहीं दिखी, पुलिस इतनी बेलगाम कैसे हो सकती है। कुछ ने पुलिस को खरी-खरी सुनाने के साथ ही भविष्य में केस की विवेचना की पादर्शिता पर भी सवाल उठाएं।
संबंधित खबर- कार नहीं रोकने पर गोमतीनगर में युवती के साथ जा रहे Apple के मैनेजर को पुलिस ने मार दी गोली, मौत, दो सिपाही बर्खास्त
इस दौरान बैकुंठ धाम में प्रदेश सरकार की तरफ से विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ भी माजूद रहें। दोनों मंत्री विवेक तिवारी के परिजन को दिलासा देने के साथ ही हर संभव सहायता और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कहते रहें।
संबंधित खबर- इन मांगों के लिए विवेक तिवारी के परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि विवेक तिवारी की हत्या के बाद पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे, सीबीआइ जांच समेत अन्य मांगें रखी थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी।
इस बीच शनिवार की देर रात लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज ने मृतक की पत्नी को नगर निगम में नौकरी और परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा एसआइटी और मजिस्ट्रेटी जांच सहित सीबीआइ जांच की संस्तुति की बात मानी थी, जिसके बाद आज सुबह परिजन शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
संबंधित खबर- विवेक तिवारी की पत्नी को नगर निगम में मिलेगी नौकरी, परिवार को 25 लाख का मुआवजा