आरयू ब्यूरो, लखनऊ। व्हाट्सएप चैट की जासूसी को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने कहा कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस महासचिव ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा, ‘अगर बीजेपी या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के फोन की जासूसी करने के लिए इजराइली एजेंसियों को लगाया है, तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन और बड़ा स्कैंडल है, जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर होगा।”
प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है। दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजराइल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों की वैश्विक स्तर पर जासूसी की गई। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इस विवाद पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों की निजता के उल्लंघन की खबरें भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है।
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वहीं व्हाट्सएप ने बताया है कि इसी साल मई में इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के कई पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी। यह खुलासा सैन फ्रांसिस्को में एक अमेरिकी संघीय अदालत में हुआ है, जहां एक केस की सुनवाई चल रही थी।
व्हाट्सएप ने आरोप लगाते हुए कहा कि अत्यधिक सोफिस्टिकेटेड मेलवेयर का इस्तेमाल करके सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ 1400 व्हाट्सएप यूजर्स को टारगेट किया गया है। व्हाट्सएप ने यह भी बताया है कि मई में हमने अपने सिस्टम के वीडियो कॉलिंग पर हुए बेहद गंभीर सोफिस्टिकेटेड मैलवेयर हमले को रोका था। हमले का मकसद कई व्हाट्सएप यूजर्स के मोबाइल उपकरणों पर मिस्ड कॉल के माध्यम से मेलवेयर भेजना था। व्हाट्सएप प्रमुख विल कैथार्थ ने कहा है, ‘’इसने (इजरायली स्पाईवेयर) पूरी दुनिया में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षक, पत्रकार और सिविल सोसाइटी के अन्य सम्मानित सदस्यों को निशाना बनाया था।