योगी की कैबिनेट में धान खरीद नीति समेत इन चार प्रस्तावों को मिली मंजूरी

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श्रीकांत शर्मा। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। मंगलवार को लोकभवन में आयोजित योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में धान खरीद नीति व कुंभ में सफाई के लिए 292.85 करोड़ खर्च करने समेत चार प्रस्‍तवों को मंजूरी मिली है। प्रदेश सरकार के प्रवक्‍ता व कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीटिंग के बाद इसकी जानकारी मीडिया को दी।

श्रीकांत शर्मा ने कहा कि किसानों खरीफ विपणन साल 2018-19 में 50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जाएगी। कॉमन धान 1750 रुपए प्रति कुंतल व ग्रेड-ए धान 1770 रुपए कुंतल की दर से खरीदा जाएगा। इसके अलावा धान की उतराई, छनाई और सफाई के लिए किसानों को 20 रुपए कुंतल की दर से अतिरिक्त भुगतान भी किया जाएगा।

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अब धान क्रय केंद्रों पर खरीद की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एफसीआई सहित कुल नौ एजेंसियों द्वारा 3000 क्रय केंद्रों के जरिए धान की खरीद की जाएगी। धान बेचने से पहले किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। धान के मूल्य का भुगतान 72 घंटे में किसानों के खातों में ऑनलाइन किया जाएगा।

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सरकार के प्रवक्‍ता ने आगे कहा कि धान की खरीद का काम सीतापुर, लखीमपुर, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़ और झांसी में अगामी एक अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2019 तक चलेगा। जबकि लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, चित्रकूट, कानपुर, फैजाबाद, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और इलाहाबाद में धान खरीद का काम एक नवंबर से 28 फरवरी 2019 तक होगा।

उन्‍होंने जानकारी देते हुए ये भी बताया कि पिछले साल किसानों से कॉमन धान की खरीद 1550 प्रति कुंतल व ग्रेड-ए धान की खरीद 1590 रुपए प्रति कुंतल की दर से की गई थी। किसानों की आय में वृद्धि के लिए खरीफ विपणन साल 2018-19 में इन दोनों दरों में योगी सरकार ने प्रति कुंतल क्रमशः 200 रुपए व 180 रुपए की वृद्धि की है।

कुंभ में सफाई के लिए खर्च होंगे 292.85 करोड़

श्रीकांत शर्मा ने दूसरे प्रस्‍ताव के बारे में जानकारी देत हुए कहा कि प्रदेश में 15 जनवरी से चार मार्च 2019 के दौरान आयोजित हो रहे कुंभ मेला क्षेत्र में स्वच्छता के लिए 292.85 करोड़ रुपए खर्च करने के प्रस्‍ताव पर मंजूरी मिली है। जबकि मेला क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्‍त रखने के लिए 1,22,500 शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।

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जबकि लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान पर स्थित हेलीपैड और अतिथि गृह का नियंत्रण नागरिक उड्डयन विभाग से दोबारा राज्य संपत्ति विभाग को हस्तांतरित किए जाने को भी यूपी की कैबिनेट स्वीकृति मिल गयी है।