आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के उस निर्णय की कड़ी आलोचना की है जिसके तहत योगी सरकार के मंत्रिमण्डल ने बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर उत्तर प्रदेश के बेरोजगार बीएड एवं बीटीसी डिग्री धारकों की उपेक्षा करने करने की बात कही जा रही है। मंगलवार को योगी के कैबिनेट के बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी देने के फैसले को कांग्रेस ने वापस लेने की भी मांग की है।
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अरुण प्रकाश सिंह ने आज अपने एक बयान में कहा कि यह योगी सरकार का अविवेक पूर्ण फैसला है, जिससे आश्चर्य के साथ-साथ दुख भी होता है। भाजपा के वादों को याद करते हुए प्रदेश महामंत्री ने कहा कि प्रदेश की सत्ता में आने से पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी शिक्षामित्रों के संपूर्ण समायोजन की बात कही थी, लेकिन उसके ठीक विपरीत कैबिनेट द्वारा अब प्रदेश के बाहर के भी डिग्री धारकों के लिए रास्ता खोलकर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश के बीटीसी एवं बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
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उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हालात तब है जब यूपी के लाखों बीएड, टीईटी और बीटीसी अभ्यर्थी रेाजगार के लिए लंबे समय से सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने के लिए बाध्य हैं ऐसी स्थिति में योगी सरकार इस तरह के निर्णय ले रही है।
RSS के कार्यकर्ताओं को भर्ती करने की साजिश…
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत योगी सरकार अपने इस फैसले को वापस लेकर उत्तर प्रदेश के बीएड एवं बीटीसी प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए ही प्रदेश में अध्यापन का मौका दें। उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि कैबिनेट के इस निर्णय में गहरी साजिश नजर आती है।