आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में शुक्रवार को पहले, आओ पहले पाओ योजना में मनमानी का मामला सामने आया है। आवेदक ने फार्म लिया, पांच लाख का ड्राफ्ट भी बनवाया, लेकिन जिस फ्लैट के लिए यह सब हुआ उसे एक वीआईपी को आवंटित कर दिया गया। कही से राहत नहीं मिलती देख आज आवेदक ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी तो प्राधिकरण में हड़कंप मच गया। वीसी ने संबंधित अधिकारी को तलब किया और आवेदक को फोन मिलाकर बात भी की। शाम होते-होते मीडिया में भी इस बारे में एलडीए ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए आवेदक के आरोप को निराधार बता दिया।
आजमगढ़ निवासी दिव्या सिंह पत्नी विजय सिंह ने एलडीए द्वारा चलाई गई ‘पहले आओ पहले पाओ योजना’ के अंतर्गत फ्लैट खरीदने के लिए आवेदन किया था। विजय सिंह ने बताया पहले उन्होंने सरयू अपार्टमेंट में फ्लैट के लिए आवेदन किया था, लेकिन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव डीएम कटियार द्वारा यह कहा गया कि जिस फ्लैट पर आपने आवेदन किया है उसे किसी वीआईपी को देना है। जिसके बाद कावेरी अपार्टमेंट में फ्लैट के आवंटन के लिए पांच लाख का ड्राफ्ट और फार्म उनको दिया गया था, जिसे वह अपने पास रखे रहे और फिर बिना आवंटन किए वापस कर दिया।
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विजय सिंह ने कहा कि राहत की आस लिए उन्होंने गुरुवार को खुद एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह से मुलाकात की अपनी समस्या बताई, लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिली और एलडीए उपाध्यक्ष ने संयुक्त सचिव के पास भेज दिया।
इसके बाद आज उन्होंने मुख्यमंत्री समेत अन्य आला अधिकारियों के यहां शिकायत पत्र भेजने के साथ ही उन्होंने इसकी एक कॉपी वीसी कैंप में रिसीव करवाई। मामला सीएम तक पहुंचने की जानकारी लगते ही एलडीए में हड़कंप मच गया। एलडीए उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारी डीएम कटियार समेत अन्य को तलब कर मामले का अध्ययन करने के साथ ही मोबाइल फोन पर कॉल कर आवेदक से बात कर पूरी जानकारी ली। विभिन्न पहलू समझने के बाद एलडीए की ओर से प्रेस नोट जारी किया गया।
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एलडीए पीआरओ अशोक पाल सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर तमाम तर्क देते हुए बताया कि बीते 27 दिसंबर को ड्राफ्ट बनवाकर अगले दिन आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। इस योजना में अंतिम आवंटन 27 दिसंबर को किया गया था। इसके पहले 14 दिसंबर 2017 को सरयू अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 1124 बी-1 एवं फ्लैट संख्या 3071 बी3 का आवंटन किया गया था।
आवेदक के आरोप पूरी तरह से निराधार है। किसी को भी गलत तरीके से फ्लैट नहीं आवंटित किए गए हैं। उन्होंने पहली बार मुझसे गुरुवार को ही मुलाकात की थी। जिसपर उन्हें योजना के तहत जहां भी फ्लैट रिक्त हैं, उसके बारे में सही जानकारी दी गयी थी। डीएम कटियार, संयुक्त सचिव लविप्रा
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