आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गुरुवार को चर्चा के बाद यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों में 8054 करोड़ 49 लाख 27 हजार रुपये का अनुपूरक बजट पारित दिया गया। वहीं विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने अनुपूरक बजट के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि वित्तीय अनुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। तमाम विभाग अभी मूल बजट की राशि खर्च नहीं कर पाए हैं। ऐसे में अनुपूरक बजट लाए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
वहीं विपक्ष के नजरिए से भड़के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खासतौर से सपा सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा ‘ये लोग हर मुद्दे को तिल का ताड़ बना देते हैं। इनकी षड्यंत्र की मानसिकता गई नहीं। ये सुधर नहीं सकते। इनके सुधरने में कई जन्म लगेंगे।’ उन्होंने अनुपूरक बजट को हर वर्ग का हितैषी बताते हुए भी कहा कि, बजट में जाति, धर्म, क्षेत्र और मत-मजहब को केंद्रित करके नहीं बल्कि प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप हर वर्ग के हित का ध्यान रखा गया है।
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इसके अलावा आज सपा की ओर से संजय गर्ग ने चर्चा के दौरान अनुपूरक को वित्तीय अनुशासनहीनता का नमूना करार दिया। उन्होंने साढ़े आठ महीने बीतने के बावजूद 40 फीसदी भी बजट न खर्च करने वाले विभागों के नाम गिनाकर अनुपूरक लाने पर सवाल खड़ा किया। साथ ही बोले कि अनुपूरक बजट राजस्व घाटा छिपाने की चतुराई भर है।
कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी उपलब्धियां गिनाई हैं, वे सब केंद्र सरकार की हैं और पहले से चल रही हैं। अनुपूरक बजट में नौजवानों, किसानों व आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। सरकार पटरी दुकानदारों को उजाड़कर गरीबों के पेट पर लात मार रही है। पुरानी पेंशन के लिए कुछ नहीं हुआ। किसान बदहाल हैं।
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वहीं बीएसपी के नेता लालजी वर्मा ने सीएम योगी पर तंज कसते हुए बोले कि काम से ज्यादा उन्हें अपनी प्रशंसा करना अच्छा लगता है। सरकार को यह भी साफ करना चाहिए कि अनुपूरक बजट के लिए पैसा कहां से आएगा? बजट पर चर्चा की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष करते हैं पर नेता सदन से चर्चा शुरू कराकर सदन की परंपरा तोड़ी जा रही है। बजरंग दल की परंपरा जैसी स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्मा ने विकास कार्यों व योजनाओं में विपक्षी सदस्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने बुलंदशहर की घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए तो संसदीय कार्यमंत्री ने इसका प्रतिवाद किया।
वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट में धनराशि हमेशा अनुमानों पर आधारित रहती है, इसीलिए अनुपूरक का प्रावधान किया गया है। किसी तरह से वित्तीय अनुशासन नहीं तोड़ा गया है। इसके बाद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट पास करने का प्रस्ताव रखा जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद विधान परिषद में भी अनुपूरक बजट पास हो गया।