आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है? प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बयान पर गौर करेंगे तो कुछ ऐसा ही होता प्रतीत हो रहा है। दरअसल, पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा खूब गरमाया था। भाजपा के मूल एजेंडे में यह मुद्दा रहा है। अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने पर बड़ा बयान दे दिया है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। सभी को समान नागरिक संहिता की मांग और उसका स्वागत करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है। हम इसके पक्ष में हैं और यह यूपी और देश की जनता के लिए जरूरी है। यह भी भाजपा के प्रमुख वादों में से एक है।
केशव मौर्या ने आगे कहा कि जब देश में सबका साथ, सबका विकास के तहत एक जैसा काम हो रहा है तब यूनिफॉर्म सिविल कोड भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के जो प्रमुख मुद्दे हैं उनमें धारा 370, राम मंदिर निर्माण और यूनिफॉर्म सिविल कोड हमेशा से रहा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण हो रहा है, धारा 370 हटाई गई, लेकिन विपक्ष ने साथ नहीं दिया। अब यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया जाएगा।
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मालूम हो कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब होता है समान नागरिक संहिता। भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होते हैं ,फिर चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, समुदाय से संबंधित क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के हिस्से में सभी धर्मों के लिए केवल एक ही कानून लागू किया गया है। इसका सीधा अर्थ है कि सभी नागरिकों के लिए एक कानून होगा। इसका किसी भी समुदाय से कोई संबंध नहीं होगा। इस कोड के तहत राज्य में निवास करने वाले लोगों के लिए एक समान कानून का प्रावधान किया गया है। इससे धर्म के आधार पर मिलने वाली छूट से लोगों को वंचित होना पड़ेगा। इसी मामले को लेकर इसके विरोध में स्वर उठते रहे हैं।