आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार में हुए एनआरएचएम घोटालों के बीच डिप्टी सीएमओ वाई एस सचान की संदिग्ध मौत मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने मौत को हत्या और साजिश माना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम घोटाले में जेल में बंद पूर्व सीएमओ डॉ. वाईएस सचान की खुदकुशी के मामले में तत्कालीन डीजीपी करमवीर सिंह, अतिरिक्त डीजीपी वी.के. गुप्ता व आईजी लखनऊ जोन सुभाष कुमार सिंह को सीबीआइ कोर्ट ने आठ अगस्त को तलब किया है।
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दरअसल 26 जून 2011 को लखनऊ की जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में सचान की मौत हो गई थी। जहां एनआरएचएम घोटाले से जुड़े मामले में डॉ. सचान जेल में बंद थे। इनकी मौत पर राज्य सरकार ने आत्महत्या का मामला करार दिया था। डॉक्टर की मौत पर आरोपितों को पक्ष रखने का समय मिला। जेल में जाल गंवाने वाले डॉक्टर वाईएस सचान की पत्नी मालती सचान की याचिका पर सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर बी.एस. मुकुंद, मुख्य कैदी वार्डन बाबू राम दुबे, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह और बंदी रक्षक पहिंद्रा सिंह को आठ अगस्त को मामले में आरोपी के रूप में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
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पत्नी मालती सचान ने सीबीआई रिपोर्ट को चुनौती दी है। 22 जून 2011 को डिप्टी सीएमओ वाई एस सचान की लखनऊ जेल में मौत हुई थी। 26 जून 2011 को लखनऊ गोसाईगंज थाने में एफआइआर दर्ज हुई। 11 जुलाई 2011 को न्यायिक जांच में सचान की मौत को हत्या करार दिया गया था। फिर 14 जुलाई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले पर सीबीआई को जांच के आदेश दिए।
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सीबीआई ने 27 सितंबर 2012 को डॉक्टर सचान की मौत को आत्महत्या बताते हुए मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। सीबीआइ को क्लोजर रिपोर्ट पर मालती सचान ने कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने मालती सचान के आवेदन को स्वीकर कर लिया और सीबीआई को मामले की आगे की जांच का निर्देश दिया। हालांकि नौ अगस्त 2017 को सीबीआइ ने आत्महत्या बताते हुए फिर से मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, लेकिन विशेष अदालत ने 19 नवम्बर 2019 को कोर्ट ने सीबीआइ की फाइनल रिपोर्ट खारिज कर दिया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान मालती सचान ने अपने पति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चिकित्सा विशेषज्ञों की राय समेत कई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए।