आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केन्द्र सरकार के बीच कई दिनों से मचे घमासान के बाद सीएम केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा रद्द हो गई है। सिंगापुर यात्रा की इजाजत ना मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार और उप-राज्यपाल सक्सेना पर हमला बोला है। उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रस्तावित सिंगापुर यात्रा को खारिज करने पर आप सरकार ने केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि इससे देश और शहर का अपमान हुआ है।
दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि,”सिंगापुर में होने वाली वर्ल्ड सिटी समिट में मुख्यमंत्री केजरीवाल के ना शामिल होने पर दिल्ली और देश को जो शर्मिन्दगी झेलनी पड़ेगी उसके लिए केवल और केवल केन्द्र सरकार जिम्मेदार है।” दिल्ली सरकार ने बयान में आगे कहा कि मुख्यमंत्री की सिंगापुर यात्रा की फाइल सात जून को ही उप-राज्यपाल को भेज दी गई थी, लेकिन वो डेढ़ महीने तक चुप बैठे रहे और 21 जुलाई को जब फाइल वापस किए तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
दिल्ली सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की मंशा सीएम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के अलावा अन्य क्षेत्रों में हुए विश्वस्तरीय कामकाज के बारे में बताने से रोकने की थी। केंद्र की मंशा बेशक पूरी हुई हो, लेकिन इससे देश को वैश्विक समुदाय के बीच जिस तरह से नीचा देखना पड़ा है, उसके जिम्मेदार भी वही हैं।
गौरतलब है कि एक अगस्त को एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अरविंद केजरीवाल सिंगापुर जाना चाहते थे। तय कानूनी प्रक्रिया के अनुसार दिल्ली सरकार ने एलजी से इसकी मंजूरी मांगी थी, लेकिन काफी दिनों से यह फाइल लंबित थी। दिल्ली सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि सिंगापुर में आयोजित सम्मलेन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्योता दिया गया है।
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इसमें वे दिल्ली के विकास को रेखांकित करेंगे, लेकिन एलजी ऑफिस से कोई जवाब नहीं आया। हालांकि कुछ समय बाद एलजी ऑफिस की ओर से फाइल खारिज कर दी गई। इसका कारण बताते हुए कहा गया कि सिंगापुर में आयोजित सम्मेलन मेयर्स का है उसमें मुख्यमंत्री के जाने का कोई औचित्य नहीं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लेटर लिखा था। लेटर में सिंगापुर नहीं जाने देने पर निराशा जताई थी।
बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित वर्ल्ड सिटीज समिट के लिए केजरीवाल को सिंगापुर आमंत्रित किया गया था। दिल्ली सरकार ने कहा कि सिंगापुर यात्रा की सभी प्रक्रिया 20 जुलाई तक पूरी करनी थीं, लेकिन उराज्यपाल ने 21 जुलाई को फाइल वापस की। आम आदमी पार्टी ने बताया कि केन्द्र और उप-राज्यपाल से अनुमति लेने के लिए लम्बा वक्त लगता है, इसलिए बची हुई प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।