आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अब तक हो चुकी करीब 70 मौतों के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज योगी सरकार पर तगड़ा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते बच्चों की मौतों के संगीन मामले में योगी सरकार मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को ‘बलि का बकरा’ बनाकर (निलंबित कर) लीपापोती करने की जगह तत्काल सख्त कदम उठाएं। जिससे कि पीडि़त परिवार को कम से कम प्रदेश में न्याय का एहसास हो।
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बख्शेंगे नहीं सुनते-सुनते ऊब चुकी है प्रदेश की जनता
वहीं मायावती ने आज गोरखपुर और कल राजधानी में दिए उस बयान पर भी तंज कसा है जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दोषियों को नहीं बख्शने की बात कही गई है। मायावती ने कहा कि ‘दोषियों को बख्शेंगे नहीं’ तथा ‘अपराधियों को बख्शेंगे नहीं’ आदि उपदेश सुनते-सुनते अब प्रदेश की जनता काफी ऊब चुकी है, क्योंकि ऐसी घोषणाओं के बाद ना तो कोई सख्त कार्रवाई दोषियों के खिलाफ हो रही है और ना ही शर्मनाक व दुःखद आपराधिक घटनाएं ही रूक रही हैं। कुल मिलाकर योगी सरकार अपराध-नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा व सुरक्षा आदि जैसे आवश्यक बुनियादी जनसेवा के मामले में भी विफल ही साबित हो रही है।
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गैर जिम्मेदाराना और संवेदनहीन है स्वास्थ्य मंत्री का बयान
वहीं बसपा सुप्रीमो ने कल दिए गए स्वास्थ्य मंत्री सिर्द्धानाथ सिंह के उस बयान की भी निंदा की जिसमें योगी के मंत्री ने कहा था कि अगस्त के महीने में ज्यादा बच्चे मरते ही है। मायावती ने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के बयान की जितनी भी निंदा की जाए कम है। लेकिन कम-से-कम अब तो मुख्यमंत्री को सतर्क व सख्त होते हुए इस गंभीर घटना के लिए प्रथम दृष्टया दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए जिससे कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी नहीं हो।
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वहीं योगी के आज के गोरखपुर के दौरे पर मायावती ने कहा कि देर से ही सही पर मुख्यमंत्री का इस सम्बंध में गोरखपुर मेडिकल कालेज का दौरा करना अच्छी बात है। परन्तु इसके बाद अपेक्षित सख्त कार्रवाई से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी सुधरेगी, विभाग में हर स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार कितना कम होगा तथा प्रदेश में अन्य माताओं की कितनी गोद सरकारी लापरवाही से बच पाएगी, यह आगे देखने वाली बात होगी। केन्द्र व प्रदेश की बीजेपी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि जनता कि उन पर कड़ी नजर है।
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