आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में आज एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल यादव ने ऐलान किया है कि अब वह कभी समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा है कि भविष्य में सपा के साथ उनका कोई रिश्ता नहीं रहेगा। साथ ही शिवपाल यादव ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ जाना उनकी बड़ी गलती थी।
इतना ही नहीं, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी कुछ ऐसा कहा है जिससे समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। शिवपाल ने कहा है कि वह चाहते हैं मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से अगला लोकसभा चुनाव लड़ें। वह उनके साथ रहेंगे। अगर मुलायम नही लड़ेंगे तो उनकी पार्टी तय करेगी की वहां से किसे उतारना है। यानी शिवपाल ने एक तरह से संकेत दे दिए हैं कि मैनपुरी सीट पर भी वह अखिलेश को घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें भोगांव, किशनी, करहल, जसवंतनगर और मैनपुरी है। इनमें दो सीटें भाजपा और तीन सीटें सपा के पास हैं। करहल से अखिलेश और जसवंत नगर से खुद शिवपाल यादव विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में शिवपाल यादव को जसवंतनगर में करीब 1.60 लाख वोट मिले थे। वह लगभग 90 हजार वोटों से चुनाव जीते थे।
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शिवपाल यादव ने कहा कि आगामी निकाय चुनाव में भी पार्टी अधिकतर क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी। यह इसलिए किया जाएगा, जिससे जनाधार बेहतर हो। वहीं लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का संगठन जहां मजबूत होगा, वहां उम्मीदवार उतारे जाएंगे।
गौरतलब है कि यूपी में अगला चुनावी रण नगर निकाय चुनावों के रूप में लड़ा जाना है। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच शनिवार, तीन सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी तैयारी के मद्देनजर एक अहम निर्देश भी जारी किया है। ऐसे में शिवपाल का इस चुनाव को लेकर ताल ठोकना इस बात का संकेत है कि समाजवादी पार्टी के वोट बैंक को लेकर एक चुनौती जरूर खड़ी होने जा रही है।