आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के दस जिलों में भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं वाले न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। सीएम योगी ने आगरा, औरैया, हापुड़, कौशाम्बी, महोबा, बहराइच, चंदौली, हाथरस समेत दस जिलों में नये न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए लोक निर्माण और नियोजन विभाग के अफसरों को 15 दिन के अंदर डिटेल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन भवनों की डिजाइन न सिर्फ खूबसूरत हो, बल्कि इन्हें वर्टिकल आकर में बनाया जाए, जिससे भूमि की भी बचत हो। साथ ही इन्हें आने वाले 25 से 30 साल बाद कि जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया जाए। योगी ने कहा है कि नये न्यायालय भवनों में न्यायाधीशों के लिए सुंदर, स्वच्छ और हवादार कमरों के साथ ही अधिवक्ताओं के लिए अच्छे चैम्बर, बड़ी लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग और सेमिनार हॉल भी निर्मित किये जाएं।
साथ ही निर्मित किये जाने वाले नये न्यायालय भवनों को सर्व सुविधायुक्त बनाकर इन्हें प्रदेश ही नहीं देश में भी एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, जबकि दस जिलों में नये बनने वाले न्यायालय भवनों के साथ ही न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया है।
वहीं सीएम ने सभी न्यायालयों और रजिस्ट्रार दफ्तरों को ई-ऑफिस के रूप में अपग्रेड करने के लिए भी कहा है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिग्रहीत की गयी भूमि में कहीं भी कोई पैच या अन्य परेशानियां ना हों।
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योगी ने अधिकारियों से कहा है कि देश के किसी भी न्यायालय भवन में कोई भी अच्छी व्यवस्था दिखती हो तो उसे भी आर्किटेक्चर में शामिल करें। खासकर के महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश के न्यायालय भवनों को जरूर देखें। उन्होंने नये न्यायालय भवनों के लिए तीन कैटेगरी बनाने के लिए कहा है, जिसमें 40-70 लाख की आबादी, 25-40 लाख की आबादी और 25 लाख से कम आबादी वाले जिलों के लिए अगले 25 साल की जरूरतों के हिसाब से न्यायालय भवनों की रूपरेखा तैयार की जाए। इसके अलावा ये सभी काम मिशन मोड में पूरा करने के लिए कहा है, साथ ही 15 दिन के भीतर पूरी कार्ययोजना और डिजाइन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को जिला जज के साथ नियमित बैठक करने के भी निर्देश दिये हैं कि ये बैठकें जिला जज की अध्यक्षता में होंगी और इसमें डीएम और एसपी अथवा एसएसपी का होना अनिवार्य है।