आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। दो दिन पहले योगी आदित्यनाथ के श्वेत पत्र जारी कर पिछली सरकारों पर निशाना साधने पर आज बसपा सुप्रीमो ने पलटवार किया है। मायावती ने कहा कि दूसरों को बुरा बताकर खुद को अच्छा साबित करने की कोशिश करना योगी सरकार की छोटी सोच व सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने का ही द्योतक है। इस तरह के गंदे प्रयास को जनता कतई पसन्द नहीं करती है।
पूर्ववर्ती सरकारों की कमियां गिनाने की जगह अपनी सरकार की जर्बदस्त कमियों को लेकर मुख्यमंत्री ‘श्वेत पत्र’ जारी करते तो ज्यादा बेहतर होता। वास्तव में योगी आदित्यनाथ ने उल्टी गंगा बहाने का प्रयास किया है।
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अपने एक बयान में बसपा सुप्रीमो ने सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि योगी सरकार को अब जनता को यह भी बता देना चाहिए कि वे और कितने महीनों या सालों तक अपनी सरकार की कमियों पर पर्दा डालने के लिये पूर्ववर्ती सरकारों पर दोषारोपण करते रहेंगे।
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वहीं मायावती ने योगी आदित्यनाथ के छह माह पूरे होने पर कल प्रस्तुत किए गए आंकड़ों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ का अपनी सरकार के ‘कारनामों’ को उपलब्धि बताना और कुछ नहीं बल्कि उनकी मजबूरी थी, क्योंकि मोदी सरकार की भी यही गलत कार्यशैली देश की जनता को देखने के लिए मिल रही है।
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योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर मायावती बोली कि विकास तो गरीब, बेरोजगार, युवाओं व मेहनतकश जनता को छलने का बस एक बहाना है, अन्यथा सरकार की नीयत सही होती तो प्रदेश की सड़कें गड्डा-मुक्त हो गयी होतीं, बिजली आपूर्ति का राजधानी समेत प्रदेश भर में अत्यंत बुरा हाल नहीं होता, अस्पतालों में बड़ी संख्या में गरीबों के मासूम बच्चे दम नहीं तोड़ते और ना ही किसानों की कर्ज माफी के नाम पर वोट बटोरने के बाद अब उनके साथ 10 रुपये, 25 रुपये, 100 रुपये व अन्य मामूली रकमों का चेक देकर सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से ऋण माफी का ढिंढोरा नहीं पीटा जा रहा होता।