आरयू ब्यूरो, लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को शनिवार को नया अध्यक्ष मिल गया। अध्यक्ष पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार बोर्ड के मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफउल्लाह रहमानी को निर्विरोध चुन लिया गया है।
खालिद सैफुल्लाह राजनीतिक बयानबाजी से दूर रहे हैं। वर्तमान में इस्लामिक कानून के मामले में वो पूरे एशिया की नामी शख्सियत हैं। हैदराबाद में वो इस्लामिक फिक्ह एकेडमी चलाते हैं। बोर्ड के फाउंडर मेम्बर रहे हैं। उन्हें मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी का करीबी कहा जाता है। इन्हीं कारणों से भी बोर्ड अध्यक्ष के लिए इनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी।
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बता दें कि मौलाना खालिद सैफउल्लाह रहमानी का जन्म नवंबर 1956 में बिहार के दरभंगा जिले में हुआ। इस्लामी न्यायशास्त्र में विशेषज्ञता रखने वाले मौलाना खालिद जाने-माने इस्लामिक विद्वान हैं। शरिया, कुरान, सुन्नत की गहरी समझ रखते हैं। वह इस्लामिक फिकह अकादमी भारत के महासचिव हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य रहे हैं।
संभाली पारिवारिक विरासत
मौलाना खालिद सैफउल्लाह रहमानी के पिता मौलाना जैनुल अबिदैन और दादा मौलाना अब्दुल अहद जलावी भी इस्लाम की गहरी जानकारी रखते थे। पारिवारिक विरासत को संभालते हुए पिता और दादा के कदमों पर चले। मौलाना मिन्नतुल्लाह रहमानी और मौलाना मुजाहिद-उल-इस्लाम कासमी जैसे इस्लामी न्यायविदों से इस्लामी न्यायशास्त्र की शिक्षा ली।
लिखीं 50 से अधिक किताबें
देवबंदी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, मौलाना खालिद सैफउल्लाह ने इस्लाम और अन्य विषयों पर 50 से अधिक किताबे लिखी हैं। उन्होंने इस्लामी शिक्षा, रिसर्च और इस्लामी न्यायशास्त्र के 15 से अधिक संस्थानों का नेतृत्व किया। इतना ही नहीं मदरसों में नए विषयों को शामिल किया और शिक्षा के दायरे को बढ़ाने का काम किया।