आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। महीने में एक बार फरियादियों के लिए लगाए जाने वाले एलडीए के प्राधिकरण दिवस में आज बड़ी संख्या में फरियादियों को ही पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की फौज ने अफसरों से नहीं मिलने दिया गया। यह हालात तब थे जब एलडीए के ही भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों की कारस्तानियों के चलते फरियादी दशकों से अपना पैसा और समय बर्बाद कर एलडीए के चक्कर लगा रहे है। एलडीए की इस हरकत से आवंटी जबरदस्त गुस्से में थे। उन्होंने इसकी शिकायत योगी आदित्यनाथ के दरबार में करने की बात कही है।
2000 में हुआ था आवंटन अब तक नहीं मिला कब्जा
बसंतकुज आश्रयहीन कॉलोनी में 2000 में हुए आवंटन के बाद अब तक कब्जा नहीं मिलने के चलते आज आवंटी मनीष कुमार, रजनी सक्सेना, राम मनोरथ, बाल किशन, कृष्णा देवी, मुकेश कुमार, पुष्पा देवी व फूलचन्द्र समेत दर्जन भर लोग दुब्बगा, काकोरी, ऐशबाग, ठाकुरगंज जैसे इलाकों से एलडीए गुहार लगाने पहुंचे थे, लेकिन टोकन लेने के बाद मनीष और रजनी के अलावा प्राधिकरण दिवस में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने बाकी के आवंटियों को यह कहते हुए प्रवेश नहीं करने दिया कि सबका मामला एक है, इसलिए सबको अफसरों के पास जाने की जरूरत नहीं है।
इससे भड़के आवंटियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। पुष्पा, रामतीरथ समेत अन्य आवंटियों का कहना था हम लोग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करने के साथ ही भाड़ा लगाकर आए हैं, लेकिन अधिकारियों को हमे मकान देना तो दूर, बात करने तक की फुर्सत नहीं है, अगर यही करना है तो प्राधिकरण दिवस लगाने की क्या जरूरत है। हालांकि हंगामें के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती देख फरियादी मुख्यमंत्री के यहां गुहार लगाने के साथ ही एलडीए अफसरों की शिकायत करने की बात कहकर लौट गए।
‘हम क्या करें औरतें अपने ऊपर डाल लेती है मिट्टी का तेल’
आवंटी मनीष कुमार ने प्राधिकरण दिवस में गुहार लगाने के बाद बताया कि अब हम लोगों को एलडीए नया मकान देने का सपना दिखा रहा है। एलडीए सचिव कह रहे है कि बसंत कुंज आश्रयहीन कॉलोनी में कब्जा खाली कराने टीम जाती है तो महिलाएं अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाल लेती है। मनीष ने कहा कि यह सरासर गलत है वहां दलालों और दबंगों के गैंग ने तीन सौ से ज्यादा मकानों पर कब्जा कराने के बाद उसे किराए पर दे रखा है। अगर एलडीए चंद दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने जैसी कार्रवाई कर दे तो सारी समस्या अपने आप हल हो सकती है।
क्या पिछले हंगामे से डर गए एलडीए के अफसर!
बताते चले कि बीते अगस्त में हुए प्राधिकरण दिवस में प्लॉट समायोजन नहीं होने से 15 साल से एलडीए के चक्कर लगा रहे एक परिवार के सदस्यों समेत अन्य आवंटियों ने जमकर हंगामा किया गया था। इस दौरान एलडीए वीसी समेत एलडीए मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए थे।
समझा जा रहा है कि पिछली बार हुई एलडीए की किरकिरी को देखते हुए न सिर्फ इस बार पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की तादात बढ़ाई गई थी। बल्कि प्राधिकरण दिवस में एक ही तरह के मामले से जुड़े दो से ज्यादा लोगों के प्रवेश नहीं करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया। साथ ही पिछले प्राधिकरण दिवस की तरह इस बार एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह भी प्राधिकरण दिवस में बैठे नजर नहीं आए।
हालांकि एलडीए सचिव जयशंकर दूबे, अपर सचिव अनिल भटनागर, ओएसडी राजीव कुमार, नजूल अधिकारी विश्व भूषण मिश्र, संयुक्त सचिव डीमए कटियार समेत अन्य अफसर व इंजीनियरों ने फरियादियों की बात सुनी। एलडीए पीआरओ अशोक पाल सिंह ने बताया प्राधिकरण दिवस में कुल 63 मामले आए थे जिनमें से छह का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया है। बाकी के लिए भी एलडीए तैयारी कर रहा है।
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