आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव और 1985 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार तिवारी को मंगलवार को डॉ. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया। दरअसल डॉ. तिवारी आइआइटी कानपुर और ससेक्स यूनिवर्सिटी यूके के भी छात्र रह चुके हैं।
राजेंद्र कुमार के शोध का विषय ‘उत्तर प्रदेश राज्य के संदर्भ में सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली का एक अध्ययन’ था। यह अध्ययन 1090 से अधिक सेवा प्राप्तकर्ता और 747 सेवा प्रदानकर्ता अधिकारियों के एक बड़े सर्वेक्षण पर आधारित है। डॉ. तिवारी की स्टडी सेवा वितरण की प्रभावशीलता और इस प्रक्रिया में प्राप्त समग्र सार्वजनिक संतुष्टि को मापने के लिए एक नया मॉडल सामने लाई है।
यह शोध डॉ. एमके झा इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट की देखरेख में किया गया है। डॉ. तिवारी के पास राज्य सरकार और भारत सरकार के अधीन मुख्य सचिव यूपी, एपीसी, अपर मुख्य सचिव, कमिश्नर और कई जिलों के डीएम समेत विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का 37 साल से ज्यादा का लंबा अनुभव है।
वहीं डॉ. तिवारी ने अपने शोध कार्य को शुरू करने और उसे पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए अपने गाइड, उत्तर प्रदेश राज्य, राज्य सरकार, समस्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
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बता दें कि डॉ. तिवारी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और उन्होंने प्राइवेट यूनिवर्सिटी अधिनियम पारित करने, जीएसटी के कार्यान्वयन, स्वच्छ भारत मिशन, श्रम सुधार और कोविड के प्रभावी प्रबंधन की कई पहल की हैं। वह वर्तमान में कई हितधारकों के सहयोग से राजस्थान के जोधपुर में एक अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान की स्थापना में शामिल हैं।