आरयू वेब टीम।
शिक्षा की समस्या किसी एक राज्य नहीं बल्कि यह पूरे देश की समस्या है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को साथ मिलकर काम करना होगा। साथ ही इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने और पूरे सिस्टम को ठीक करने की जरुरत है। इसके साथ ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विश्वविद्यालयों में भी कमी को जल्द पूरा किया जाएगा।
यह बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में मीडिया से एक बातचीत में कहीं। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं। साथ ही उच्च शिक्षा में राज्यों के पास सीमित अधिकार हैं, इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करना चाहिए।
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नीतीश ने कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों का बड़े पैमाने पर बहाली करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, जल्द ही शिक्षकों की बहाली की जाएगी। लोगों का झुकाव भी शिक्षक बनने की तरफ होना चाहिए। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि शिक्षकों को पहली तारीख को तनख्वाह मिल सकें। विश्वविद्यालयों में सरकार सीधी बहाली नहीं करती।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा के संचालन पर यह भी कहा कि संचालन राज्य सरकार को मिले तो बेहतर होगा और उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार की ओर से करीब चार हजार करोड़ ग्रांट दिया जाता है। वहीं पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का स्थान मिलने की मांग के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह पुरानी मांग है। संसद में भी हम इसे उठाते रहे हैं। इस बारे में अब केंद्र सरकार को फैसला लेना है।