आरयू वेब टीम। उपराज्यपाल के अभिभाषण में बाधा डालने को लेकर भाजपा के सात विधायकों को शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। भाजपा के विधायकों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कई बार व्यवधान डाला था, क्योंकि वे अरविंद केजरीवाल सरकार को निशाना बनाना चाहते थे। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने व्यवधान का मामला विशेषाधिकार समिति को भी भेज दिया।
आप विधायक दिलीप पांडे ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। दिलीप पांडे ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को योजनाबद्ध तरीके से उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया, जिससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि “यह अभूतपूर्व और दुर्भाग्यपूर्ण था।” उन्होंने नियम पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
ये विधायक हुए निलंबित
विधानसभाध्यक्ष गोयल ने दिलीप पांडे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की बात कही। समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद गोयल ने सात विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता को सदन के कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गए।
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बता दें कि गोयल ने गुरुवार को बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान बार-बार बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा विधायकों को मार्शल के माध्यम से सदन से बाहर भेज दिया था। विधानसभा के अधिकारियों ने बताया था कि सक्सेना ने जब अपना अभिभाषण शुरू किया और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया तो भाजपा विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के वित्तपोषण का मुद्दा उठाते हुए उन्हें रोक दिया। भाजपा के अन्य विधायकों ने अन्य मुद्दो को लेकर अभिभाषण में बाधा पहुंचाई।