आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में जहां एक ओर आज जनता की सुनवाई के लिए अदालत चल रही थी तो वहीं दूसरी ओर मुआवजा की मांग करने के लिए एलडीए पहुंचे किसानों को अंदर नहीं घुसने देने के लिए अधिकारियों ने पक्का इंतजाम भी कर रखा था।
लंबे समय से अपनी जमीन के मुआवजे समेत अन्य मांगों के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे सीतापुर रोड और अलीगंज योजना के सैकड़ों किसानों ने आज एलडीए का घेराव करने के साथ ही नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों में पुरुषों की संख्या से ज्यादा महिलाएं लाठी लेकर मौजूद रहीं।
यह भी पढ़ें- LDA की जनता अदालत में पहुंचे 64 फरियादी, सबको मिला आश्वासन
वहीं किसानों के प्रदर्शन से घबराए एलडीए के अफसरों ने पुरानी बिल्डिंग के दोनों गेटों पर अंदर से ताला बंद करवा दिया। तालाबंदी के बाद किसानों ने गेट पर ही अपना बैनर टांगने के साथ माइक लगाकर शाम तक प्रदर्शन और नारेबाजी की।बाद में किसानों के पास पहुंचे नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने वार्ता कर किसानों का प्रदर्शन समाप्त कराया।
किसानों की मांगें-
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दशकों पहले एलडीए ने हजारों किसानों की जमीन ले ली, लेकिन उसके बाद भी आज तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया। जो किसान कोर्ट गए उन्हें एलडीए ने मजबूरी में मुआवजा दे दिया। वहीं बाकी लोगों को दौड़ाया जा रहा है। बचे किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ ही जिन किसानों को चबूतरे दिए जाने का एलडीए ने वादा किया था उसे पूरा किया जाए। साथ ही किसानों की जमीन पर बने अवैध निर्माण को ढहाने समेत हमारी अन्य मांगें भी मानी जाए।
यह भी पढ़ें- लाठी लेकर एलडीए पहुंची महिलाओं ने 30 साल से फंसे मुआवजे के लिए किया प्रदर्शन
किसानों की समस्याओं को समझने के साथ ही उन्हें कागजात के साथ बुलाया गया है। एलडीए अपने स्तर से किसानों की हर संभव सहायता करेगा। विश्वभूषण मिश्रा, नजूल अधिकारी
किसानों की मांग मानने के लिए एलडीए के नजूल अधिकारी ने लिखित आश्वासन दिया है। उनसे उम्मीद पर हम लोगों ने तय समय तक के लिए प्रदर्शन समाप्त किया है। रमेश राजपूत, जिला प्रभारी, किसान संगठन