आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक लाख 37 हजार नौकरियों और योग्य शिक्षकों की कमी वाले बयान पर हंगामा शुरू हो गया है। सीएम के इस बयान से जहां भावी शिक्षक वर्ग खासा नाराज बताया जा रहा है, वहीं कांग्रेस ने सीएम के बयान के कुछ घंटे बाद ही उनपर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने सीएम के इस बयान को योग्य, शिक्षित व बेरोजगार नौजवानों का घोर अपमान करने वाला बताने की साथ ही इसकी निंदा की है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्त डॉ. उमाशंकर पाण्डेय ने अपने एक बयान में कहा है सीएम ने उत्तर प्रदेश के योग्य एवं शिक्षित लेकिन बेरोजगार नौजवानों का घोर अपमान किया है। उन्होंने आंकड़ों की बात करते हुए कहा कि शायद मुख्यमंत्री को यह जानकारी नहीं है कि यह प्रदेश देश को हर साल सबसे ज्यादा 15 प्रतिशत आइएएस अफसर देता है।
यूपी के पांच करोड़ युवा बेरोजगार
उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब पांच करोड़ युवा बेरोजगार हैं और मुख्यमंत्री को पांच करोड़ युवाओं में भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, इसका सीधा मतलब है कि डेढ़ साल के शासनकाल में यह सरकार ऐसा कोई भी कार्य नहीं कर पायी कि इन युवाओं में से सरकारी नौकरियों में उनकी भर्ती कर सके। हमला जारी रखते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार के बनने के बाद से यूपी में लोकसेवा आयोग, पीसीएस की एक भी परीक्षा वह सफलतापूर्वक नहीं करा सकी। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार की भर्तियां भी अधर में लटक रही हैं।
प्रदेश प्रवक्ता ने यूपी की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही आश्चर्य जताते हुए आज मीडिया से कहा कि लखनऊ की केजीएमयू पूरे भारत में सबसे अच्छी मानी जाती है। यहां के निकले डाक्टर देश एवं विदेश की बड़ी चिकित्सा संस्थाओं में बड़े-बड़े पदों पर हैं। जबकि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, आइआइएम लखनऊ, आइआइटी कानपुर, मोतीलाल इंजीनियरिंग कालेज इलाहाबाद, मदन मोहन इंजीनियरिंग कालेज गोरखपुर, पीजीआइ लखनऊ जैसी अनेक संस्थाएं यूपी में हैं, जो होनहार छात्रों को हर साल यूपी के साथ ही देशभर की सेवा के लिए तैयार करती हैं और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि यहां पर योग्य युवाओं की कमी है।
अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए प्रदेश सरकार दे रही इस तरह के बयान
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि सच तो ये है कि प्रदेश सरकार अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए इस तरह के बयान दे रही है। सहायक शिक्षकों की भर्ती से बाहर किए गए करीब छह हजार अभ्यर्थियों की बात करते हुए उमाशंकर ने कहा कि उन्हें भर्ती से निकालकर ये साबित किया जा रहा है कि यूपी में लेाकतंत्र नहीं नादिरशाही है, उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि परीक्षा होने के बाद चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का बदलाव न्यायोचित नहीं है।
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बोले थे योगी…
बता दें कि शनिवार को मीडिया हाउस के कार्यक्रम में शिक्षक भर्ती से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एक लाख 37 हजार शिक्षक उन्हें बेसिक शिक्षा में भर्ती करने हैं, लेकिन उनके पास योग्य लोग ही नहीं है, कि वो लोग आकर के इस कंप्टीशन को फाइट कर सकें और योग्य शिक्षक के रूप में अपने को साबित कर सकें।