आरयू वेब टीम।
बीते 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां में हुआ भीषण इंदौर-पटना ट्रेन हादसा पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई की करतूत थी। बिहार पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार करते हुए आज यह खुलासा किया है। इसके साथ ही एटीएस और खुफिया एजेंसियां मामले की अब हर तह को खोलने में जुट गई है।
पकड़े गए तीनों आरोपितों को मीडिया के सामने पेश करते हुए एसपी मोतिहारी जितेन्द्र राणा ने बताया कि एक अक्टूबर को घोड़ासहन में रेलवे लाइन पर आईईडी मिलने के मामले में मोती पासवान समेत, उमाशंकर पटेल व मुकेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया है।
मोती ने पुलिस को बताया कि घोड़ासन में ट्रेन उड़ाने की योजना दुबई में बैठे शमसुल हुदा नामक शख्स ने बनाई थी। इसके लिए नेपाल में गिरफ्तार बृजकिशोर गिरी को बीस लाख रुपये दिए गए थे। बृजकिशोर ने तीन लाख रुपये आदापुर निवासी दीपक राम व अरुण को देकर ट्रेन हादसा कराने को कहा था, लेकिन आईईडी लगाने के बाद भी दोनों के रिमोट कंट्रोल का बटन नहीं दबाने के चलते भीषण हादसा होने से टल गया था। इस बात से गुस्साए बृजकिशोर ने अरुण और दीपक को नेपाल बुलवाकर उनकी हत्या कर दी थी।
इसके कुछ दिन बाद मोती ने अपने साथियों की सहायता से कानपुर में रेल पटरी पर बम फिट कर घटना को अंजाम दिया था। इस काम के लिए उसे दो लाख रुपये मिले थे।
घटना को अंजाम देने के बाद वह इंदौर, दिल्ली समेत नेपाल में भी जाकर रहा था। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद रॉ, एनआईए और एटीएस की टीमें पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ के लिए पहुंची है।
गौरतलब है कि 20 नवंबर की भोर में कानपुर के पुखराया में हुए भीषण ट्रेन हादसे में जहां करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं दो सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हादसे में ट्रेन की कुल चौदह बोगियों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा था।