आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। जहां एक ओर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा और शिवसेना के जमावड़ें से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। वही इसका असर लखनऊ में रविवार को देखने को मिला है। आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा)) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की।
शिवपाल ने राज्यपाल से राम मंदिर व प्रदेश की कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर चर्चा कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही विहिप की धर्मसभा पर सवाल खड़े करते हुए शिवपाल ने कहा कि अयोध्या में धारा 144 लागू होने के बावजूद धर्मसभा को अनुमति कैसे दी जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए। विवादित जगह पर ही की जिद्द क्यों है।
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इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने आज राजभवन तक पैदल मार्च किया। वह पार्टी कार्यालय से कार्यकर्ताओं के साथ निकले और राजभवन तक पहुंचे। उनके समर्थकों ने न सिर्फ राजभवन का घेराव किया, बल्कि योगी सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।
वहीं मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार फैला है। हमने राज्यपाल से मांग की है कि अगर अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द सरकार नहीं बनाए रख पा रही है तो प्रदेश सरकार को बर्खास्त करें। अगर राज्य व जिला प्रशासन स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए।
वहीं प्रदर्शन के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि विपक्ष का काम सड़क पर उतरना है। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मैं सड़क पर उतरा हूं। बता दें इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर आश्चर्य व्यक्त किया था कि अयोध्या में धारा 144 के बावजूद भीड़ को एकत्र होने दिया जा रहा है। किसी भी कीमत पर विवादित भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए।
राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शिवपाल यादव के अलावा पूर्व सांसद वीरपाल यादव, पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला व शादाबा फातिमा, पूर्व विधायक रामनरेश यादव, प्रसपा के मुख्य प्रवक्त डॉ. सीपी राय समेत पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहें।