आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडेक्ट’ योजना योगी सरकार द्वारा शुरू की गयी है। कानपुर एवं आगरा चमड़े के उत्पाद के लिए चयनित किये गये हैं। ये बातें बुधवार को प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग, वस्त्र व रेशम उद्योग मंत्री सत्यदेव पचैरी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में डेवलपिंग इण्डियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (नार्थ) द्वारा दलित उद्यमियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के कही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्यदेव पचौरी ने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति का उत्थान किये बिना स्वाभिमानी भारत की कल्पना करना भी संभव नहीं है। सरकार इस समाज के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। साथ ही एससी/एसटी द्वारा उद्योग लगाने के लिए पांच साल तक उनसे कोई ब्याज नहीं लेगी।
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उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि योगी सरकार ने उपेक्षित, पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए रोजगारपरक सभी योजनाओं में विशेष मार्जिन की सुविधा दी है। इसी प्रकार हर छोटे उद्यमियों को योजनाओं के माध्यम से कर्ज दिलाया जा रहा है तथा प्रधानमंत्री रोजगार लोन में अनुसूचित जाति को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पाद की आपूर्ति भी कराई जायेगी तथा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए माटी कला बोर्ड एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी लाई जा रही है।
प्रतिस्पर्धा के दौर में सरकार डिक्की (नार्थ) के उद्यमी को देगी सहयोग: स्वामी प्रसाद मौर्य
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि डिक्की (नार्थ) के उद्यमी समाज के अंतिम पायदान से आते हैं, इनके उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। देश के प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के लोग स्वावलंबी ही न बने, बल्कि उद्योग व धन्धों के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित करें।
उन्होंने आगे कहा कि उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करना एक बड़ी चुनौती है, फिर भी इस समाज ने इस चुनौती को स्वीकार किया है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में सरकार इनको सहयोग देगी, क्योंकि दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा में भारत को खड़ा करने के लिए सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक और वाणिज्यिक विकास को ध्यान में रखते हुए, इस क्षेत्र में आरक्षण की आवश्यकता है। कुछ प्रदेशों में ठेकेदारी व्यवस्था में भी इन्हें आरक्षण मिला है।
डिक्की (नार्थ) के अध्यक्ष ने उठायी ये मांगें-
इस दौरान डिक्की (नार्थ) के अध्यक्ष आरके सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्टैण्ड-अप इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, ओडीओपी में एससी व एसटी उद्यमियों के लिए इन्डस्ट्रियल हब बनाये जाने के सपने को साकार करने के लिए डिक्की (नार्थ) मांग करती है। इसके लिए सरकारी विभागों व निगमों में होने वाली खरीद का 50 प्रतिशत अंश इन्हीं उद्योगों से क्रय किया जाए। अनुसूचित जाति के उद्यमियों को निविदाओं में अर्नेस्ट मनी जमा करने से पूर्ण छूट दी जाये। अनुबंध के समय जमा होने वाली धरोहर राशि को एक प्रतिशत किया जाये।
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इसके अलावा जिला उद्योग, यूपी एसआइडीसी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना ऐक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास क्षेत्र में इन उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी हो। साथ ही औद्योगिक प्लॉट लागू दर से 50 प्रतिशत की दर पर दिये जाए तथा ऐसे प्लॉट को खरीदने के लिए चार प्रतिशत ब्याज की दर से 25 साल के लिए लोन भी दिया जाए। इसी प्रकार खरीददारी में 10 प्रतिशत इन उद्यमियों से खरीदा जाये तथा ठेकेदारी में 20 प्रतिशत कार्य इनके ठेकेदारों से कराया जाए। इसके अलावा पंडित दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना में लाभार्थी को 25 लाख रुपये तक का ऋण बैंक से दिलाये जाने की मांग की गयी।