आरयू संवाददाता,
पीजीआइ। अकसर लापरवाही को लेकर चर्चा में रहने वाले नगर निगम ने बुधवार को लापरवाही के साथ संवेदनहीनता की ऐसी मिसाल पेश की जिससे जनता आक्रोशित हो उठी। ताजा मामला जोन आठ के खरिका वार्ड प्रथम के नटखेड़ा का है। शुलभ शौचालय के लिए तालाब किनारे से कूड़ा उठाने के दौरान तालाब से अंजान चालक रोबोट (कूड़ा उठाने वाला वाहन) समेत एकाएक डूब गया। घटना देख मौके पर लोगों में हड़कंप मच गया। जनता ने रस्सी और बांस के सहारे तालाब से चालक को बाहर निकाला।
इस बीच वहां पहुंचा नगर निगम का सुपरवाइजर चालक को अस्पताल पहुंचाने की जगह रोबोट को ही बाहर निकालने की जुगत लगाने लगा। दूसरी ओर चालक की हालत बिगड़ती देख जनता सुपरवाइजर पर भड़क गयी। जिसके बाद नगर निगम का कर्मचारी गंभीर अवस्था में ही चालक को छोड़कर मौके से भाग निकला।
निगमकर्मी की इस शर्मनाक करतूत के बाद लोग ने चालक को इलाके के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। घटना के बाद लोगों में रोष व्याप्त है। वहीं इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी नगर निगम जोनल इंचार्ज समेत किसी भी अधिकारी व इंजीनियर ने भी मौके पर पहुंचने की जरूरत नहीं समझी।
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बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार के महत्वाकांक्षी कदम स्वच्छता अभियान के तहत नटखेड़ा स्थित तालाब के पास ही नगर निगम को इलाकाई लोगों के लिए सुलभ शौचालय बनाना है। क्षेत्रिय इंजीनियर व अधिकारियों के जगह फाइनल करने के बाद वहां से कूड़ा हटाने का काम आजकल चल रहा था।
दोपहर में नगर निगम का चालक राज बहादुर मिश्रा बिना किसी इंजीनियर व सुपरवाइजर के रोबोट लेकर कूड़ा उठाने वहां पहुंचा था, आगे के हिस्से का कूड़ा उठाने के बाद तालाब से अंजान राज बहादुर ने कूड़ा उठाने के लिए रोबोट तालाब की ओर बढ़ा दिया। ऊपरी सतह सख्त होने के चलते रोबोट तालाब में ही कुछ आगे बढ़ भी गया, लेकिन कूड़ा उठाने के लिए मूवमेंट करते ही पूरा रोबोट चालक समेत एकाएक गंदे पानी से भरे तालाब में समा गया।
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ये देख वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, इस बीच किसी तरह एक झटके से सतह पर आया राज बहादुर दोबार डूबने लगा, लेकिन इलाकाई लोगों ने तेजी दिखाते हुए उसे बांस व रस्सी के सहारे बाहर निकाल लिया।
आया न बताया, जनता तेजी नहीं दिखाती तो चली जाती जान
इस पूरे मामले में नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। जनता अगर तेजी दिखाते हुए राज बहादुर को बाहर नहीं निकालती तो बेहद ठंड में गंदे पानी में डूबने के चलते चालक की जान चली जाती। वहीं अस्पताल में भर्ती चालक राज बहादुर ने जनता का अभार जताते हुए कहा कि उसे नहीं बताया गया था कि वहां कोई तालाब है, वो तालाब को मैदान समझ रहा था। सुपरवाइजर ने भी कोई जानकारी नहीं दी थी, बस कह दिया था कि नटखेड़ा स्थित उक्त प्लॉट पर सुलभ शौचालय बनना है, जाकर वहां से कूड़ा हटा दो। वो खुद आया भी नहीं था।
निकालने आयी जेसीबी भी धंसी, फिर भी नहीं आए जिम्मेदार
वहीं तालाब में डूबे रोबोट को निकालने के लिए एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी अपनी जेसीबी के साथ बाद में घटनास्थल पर पहुंचे थे। वो रोबोट निकालने की कोशिश ही कर रहे थे कि नौसिखया तरीके से कूड़े के ढेर पर खड़ी की गयी जेसीबी भी उसमें धस गयी। दोनों वाहनों को रात तक निकाला नहीं जा सका था।
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दूसरी ओर इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी नगर निगम का कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर नहीं पहुंचा था। इसको लेकर भी इलाकाई लोग काफी नाराज थे, जनता का कहना था कि लगता है कि ठेकेदारों के साथ कमीशनखोरी को लेकर चर्चित नगर निगम के अधिकारियों ने घटनास्थल पर खुद पहुंचने की जगह प्राइवेट कंपनी के लोगों को अपने गुर्गें के तौर पर भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है। इस तरह से तो योगी सरकार के अभियान को भी ये लापरवाह अधिकारी व इंजीनियर दागदार कर देंगे।
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वहीं इस बारे में जानकारी के लिए क्षेत्रिय जोनल अधिकारी विनय प्रताप सिंह के मोबाइल नंबर 638930005 पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।