आरयू वेब टीम।
शारदा घोटाले के मामले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के यहां सीबीआइ के छापे के बाद पश्चिम बंगाल में मचे घमासान पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कमिश्नर को जांच में सीबीआइ का सहयोग देने लिए कहा है, साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने ये भी स्पष्ट करते हुए कहा है कि फिलहाल राजीव कुमार की गिरफ्तारी न की जाए। मामले की सुनवाई आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना ने की।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम नोटिस के जारी किए बिना कोई अवमानना नहीं कर सकते हैं। अवमानना तय करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक नोटिस जारी करते हुए आज कहा कि डीजीपी, कमिश्नर और मुख्य सचिव अपना जवाब दाखिल करें।
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वहीं इससे पहले सीबीआइ ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ दायर याचिका में कहा कि अधिकारियों ने जानबूझकर शीर्ष अदालत के आदेश की अह्वेलना की है। सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में ये भी दावा किया कि मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है, सुदिप्तो रॉय को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से लैपटॉप और सेलफोन बरामद किए गए थे। हमें वो डाटा भी मिला, जो फोरेंसिक को नहीं भेजे गए थे।
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साथ ही जो सबूत सीबीआइ को दिए गए वो अधूरे थे, कॉल डिटेल की जानकारी भी नहीं दी गई थी। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सीबीआइ ने दर्ज की गई एफआइआर पर कार्रवाई की, एफआइआर रोजवैली के खिलाफ था।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दावा किया कि सीबीआइ जांच के नाम पर पुलिसवालों को परेशान कर रही है, जबकि डीजीपी ने जांच में सहयोग का भरोसा दिया था।
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बताते चलें कि इससे पहले न्यायालय ने सोमवार को सख्त शब्दों में कहा था कि यदि रंचमात्र भी यह पता चला कि पुलिस आयुक्त साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं तो उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो के आवेदनों पर मंगलवार को सुनवाई की जायेगी जिनमें आरोप लगाया गया है कि असाधारण परिस्थितियां उत्पन्न होने की वजह से उसने यह आवेदन दायर किये हैं जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस के शीर्ष अधिकारी कोलकाता में एक राजनीतिक दल के साथ धरना दे रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष जांच ब्यूरो की ओर से सोमवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले से संबंधित मामले के साक्ष्य नष्ट करने और न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाते हुये इसका उल्लेख किया।