आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पीडब्लूडी ने सड़क निर्माण में नवीनतम तकनीक के तहत कम पत्थर से मार्गों का निर्माण कर खदान एवं ढ़ुलाई से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का काम किया है, इससे कम लागत में मजबूत सड़क बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है। ये बातें मंगलवार को गोमतीनरग स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कही।
उन्होंने आज मीडिया को बताया कि नवीन तकनीक से 30.42 लाख घनमीटर पत्थर की बचत की जायेगी। जिससे गाजियाबाद से प्रयागराज तक करीब 680 किलोमीटर लंबे दो लेन राज्यमार्ग का निर्माण किया जा सकता है। साथ ही डिप्टी सीएम ने दावा किया कि नवीन तकनीक प्रयोग से 942 करोड़ रुपए की बचत की गयी। प्रदेश में नवीन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियरों को प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।
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पत्रकारों को जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि खराब सड़क के चलते होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और पर्यावरण के अनुकूल सड़कें बनाने के साथ-साथ रोड साइनेज एवं रोड मार्किंग, रोड सेफ्टी ऑडिट भी कराया जा रहा है। साथ ही यूपी में पहली बार साइनबोर्ड लगाने के लिए 125 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां निर्गत की गयीं है।
दिलाया गया 144 अभियंताओं को प्रशिक्षण
वहीं प्रदेश के प्रमुख व अन्य जिला मार्गों के करीब दो हजार किलोमीटर एवं 417 ब्लैक स्पाट का रोड सेफ्टी सीआरआरआइ से कराया जा रहा है, इसके लिए 144 अभियंताओं को भी विभिन्न संस्थानों से रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिलाया गया है।
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भ्रष्टाचार रोकने की बात पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-गवर्नेंस, ई-एमबी, ई-मेंटेनेंस, ई-बिल, ई-प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग, ई-डाटाबेस तथा ई-बजट जैसी व्यवस्था लागू की गयी है। इससे पीडब्लूडी के काम में न सिर्फ पदार्शिता आएगी, बल्कि उसके काम में तेजी और हर स्तर पर निगरानी भी रखी जा सकेगी।