आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सरोजिनी नायडू प्रखर वक्ता के साथ-साथ विभिन्न भाषाओं में पारंगत थीं। प्रभावी ढंग से अपनी बात रखना उनकी कुशलता थी। ये बातें शनिवार को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित सरोजिनी नायडू पार्क में उनकी नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कही।
प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर सरोजिनी नायडू को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरोजिनी नायडू स्वाधीनता के बाद पहली बार महिला राज्यपाल उस समय बनीं, जब उत्तर प्रदेश को ‘युनाईटेड प्रोविन्स’ कहा जाता था। 13 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू ने कविता लिखी, जो वास्तव में उनकी विदुषी होने का प्रमाण है। कविता जहां एक ओर मन को शांति और समाधान देती है, वहीं कविता से प्रेरणा भी प्राप्त होती है। साथ ही उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बनने से पहले आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा सरोजिनी नायडू कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं थीं।
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राज्यपाल ने प्रतिमा अनावरण से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए कहा कि साल 2015 में जब वो पहली बार आदर व्यक्त करने सरोजिनी नायडू पार्क आये तो देखा कि उनकी प्रतिमा के नाम पर केवल ‘बस्ट’ लगा था। बाद में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ‘बस्ट’ के स्थान पर सरोजिनी नायडू की आवश्यक प्रतिमा लगाई जाये। प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू का बड़ा व्यक्तित्व रहा है, इसलिए उनकी प्रतिमा जरूर लगाई जाए, प्रतिमा से लोगों को प्रेरणा भी मिलती है।
महापुरुषों को आदर देने की बात पर राज्यपाल बोले कि लखनऊ में जगह-जगह महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित है। लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम दोनों संयुक्त रूप से प्रतिमा व उसके आसपास के पार्कों के रख-रखाव का कार्य करें।
अवश्य करें मताधिकार का प्रयोग
इस मौके पर राम नाईक ने अगामी लोकसभा चुनाव का भी जिक्र करते हुए कहा कि निकट भविष्य में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। जनतंत्र में मतदाता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए लोकतंत्र मजबूत करने के लिये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।
कविताओं से आजादी के लिये किया प्रेरित
कार्यक्रम में मौजूद कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सरोजिनी नायडू प्रदेश की प्रथम राज्यपाल रहीं हैं। महिला होने के बावजूद उन्होंने आजादी की लडाई में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सरोजिनी नायडू ने अपनी कविताओं के माध्यम से देश की आजादी के लिये लोगों को प्रेरित किया।
वहीं महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया बोले कि राज्यपाल की प्रेरणा से प्रथम राज्यपाल सरोजिनी नायडू की नवनिर्मित प्रतिमा स्थापित हुई है। राज्यपाल सभी महापुरूषों की प्रतिमा पर आदर व्यक्त करने जाते हैं, जो दूसरों के लिये प्रेरणा का विषय है।
कैबिनेट मंत्री ने एलडीए उपाध्यक्ष से जताई नाराजगी
वहीं लोकसभा चुनाव से पहले प्रतिमा अनावरण के इस कार्यक्रम में भीड़ नहीं देख आज कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह से खासी नाराजगी जताई। बृजेश पाठक ने एलडीए वीसी से कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के लिए भाजपा सभासद व अन्य लोगों को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया। मामला बिगड़ता देख इस दौरान वहां मौजूद एलडीए सचिव एमपी सिंह ने समझाकर कैबिनेट मंत्री को मनाया।
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इस अवसर पर न्याय एवं विधि मंत्री बृजेश पाठक, महापौर संयुक्ता भाटिया, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह, एलडीए सचिव एमपी सिंह, उपनिदेशक उद्यान एसपी सिसोदिया, एलडीए जोन तीन के प्रभारी अभियंता संजीव गुप्ता के अलावा अन्य अधिकारी, बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद रहें।