आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मंगलवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने और सपाईयों पर लाठीचार्ज के विरोध में आज सपा के साथ बसपा के भी दिग्गज नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की। सपा-बसपा के वरिष्ठ नेताओं के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए घटना को लेकर कड़ा कदम उठाने व मामले की निष्पक्ष रूप से जांच कराए जाने सहित कई अन्य मांगें उठाई है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल से मिलकर बताया गया है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में जाने से अखिलेश यादव को एयरपोर्ट पर जबरन रोका गया है। इस दौरान उनके साथ समुचित शिष्टाचार भी नहीं निभाया गया। योगी सरकार के इशारे पर पूर्व घोषित कार्यक्रम में शामिल होने से पहले बिना किसी वैध कारण के रोकने की घटना को संज्ञान में लेते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
बदले की भावना से काम कर रही योगी सरकार
वहीं ज्ञापन के जरिए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि योगी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। नौजवानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अमर्यादित भाषा बोल रहे है। लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया जा रहा है।
येे है लोकतंत्र पर हमला
वहीं ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि अखिलेश यादव की इलाहाबाद यात्रा के बारे में बीते 27 दिसंबर को ही प्रशासन को सूचना दे दी गई थी, लेकिन सरकार युवाओं-छात्राओं से इतना भयभीत थी कि उसने कार्यक्रम ही नहीं होने दिया। यह लोकतंत्र पर हमला है। विपक्षी पार्टी को अराजक बताना घोर निंदनीय एवं असंवैधानिक है।
योजनाबद्ध तरीके से न सिर्फ माहौल खराब किया…
योगी सरकार पर ये भी आज आरोप लगाया गया कि योजनाबद्ध तरीके से न सिर्फ माहौल खराब किया गया, बल्कि छात्रों और समाजवादियों पर बर्बर लाठीचार्ज करते हुए उन्हें संगीन धाराओं के तहत फर्जी मुकदमों भी फंसाया गया है। सपा-बसपा के नेताओं ने राज्यपाल से मांग करते हुए आगे कहा कि योगी सरकार के अलोकतांत्रिक आचरण के कारण संविधान खतरे में है, इसलिए संविधान बचाने की दिशा में आपसे कठोर निर्णय लिए जाने की अपेक्षा है।
छात्रों-नौजवानों पर दर्ज फर्जी मुकदमों…
इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से पूरे प्रकरण की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से कराये जाने और इलाहाबाद सहित राज्य के अन्य जनपदों में छात्रों-नौजवानों पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस कराए जाने की भी मांग की है।
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राजपाल से मिलने वाले संयुक्त प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन नेता, नेता बहुजन समाज पार्टी विधानसभा लाल जी वर्मा और दिनेश चंद्रा, सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, उपनेता सपा, नवाब इकबाल महमूद, विधानसभा में मुख्य सचेतक नरेंद्र वर्मा, पूर्व मंत्री अरविन्द सिंह, पूर्व मंत्री आरके चौधरी, एमएलसी सुनील सिंह साजन, डॉ. राजपाल कश्यप, आनंद भदौरिया और राजेश यादव, सदस्य विधानसभा राकेश प्रताप सिंह के अलावा पूर्व सदस्य विधान परिषद दयाराम प्रजापति भी मौजूद रहे।