आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। इंदिरानगर इलाके के तकरोही में बीती रात एक दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां घर में बनाए गए गैस चूल्हे के गोदाम में आग लगने से दंपत्ति व उनकी सात माह की मासूम बेटी समेत एक ही परिवार के पांच सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गयी है। हादसा रात करीब एक बजे उस समय हुआ जब परिवार के पांचों सदस्य मकान के फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद थे। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस और फॉयर ब्रिगेड के जवानों ने स्थानीय लोगों की सहायता से पांचों को गंभीर अवस्था में लोहिया अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
वहीं हादसे को लेकर क्षेत्रिय लोगों में अग्निशमन विभाग और पुलिस के प्रति रोष है। लोगों का कहना था कि फॉयर ब्रिगेड के जवान सूचना के करीब डेढ़ घंटें बाद मौके पर पहुंचे थे और उनके पास आग से निपटने के व्यापक प्रबंध भी नहीं थे। स्थानीय पुलिस ने भी समय रहते मौके पर पहुंचकर कोई त्वरित कार्रवाई नहीं कि पुलिस और फॉयर ब्रिगेड ने अगर लापरवाही नहीं बरती होती तो हादसे में इतने लोगों की जानें नहीं जाती। घटना के पीछे शॉर्टसर्किट होने की वजह बतायी जा रही है। आग में लाखों रुपए का गैस चूल्हा व दूसरे उपकरण के साथ ही पूरी गृहस्थी भी जलकर खाक हो गयी।
दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। आदेश के अनुसार लखनऊ मंडल के कमिश्नर अनिल गर्ग मामले की पूरी जांच करने के साथ ही सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेंगे। सीएम ने एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत पर संवेदना भी व्यक्त की है।
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मिली जानकारी के अनुसार तकरोही स्थित गीत विहार कालोनी निवासी टीआर सिंह गैस चूल्हे का व्यापार करते हैं। जिसके चलते उन्होंने अपने दो मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर गैस चूल्हे का गोदाम बना रखा था, जबकि मकान के प्रथम तल वो परिवार के साथ रहते थे। बीती रात करीब एक बजे मकान से धुंआ और आग की लपटें उठती देख कॉलोनी वालों ने इसकी जानकारी फॉयर ब्रिगेड और पुलिस को दी।
आरोप है कि करीब डेढ़ घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और कुछ ही देर में उसका पानी खत्म हो गया। दूसरी बार पानी लाने में देर होने के चलते आग ने और विकराल रूप ले लिया। फॉयर ब्रिगेड के जवानों के पास टार्च, मॉस्क जैसे जरूरी उपकरण भी नहीं थे।
इन सबके चलते मकान में फंसे लोगों को बाहर निकालने में काफी देर हो गयी। सुबह लगभग चार बजे आग के कुछ काबू में आने के बाद लोगों ने गंभीर अवस्था में टीआर सिंह के बेटे सुमित सिंह (32), सुमित की पत्नी जूली (29), उनकी सात महीने की बेटी कीर्ति ऊर्फ बेबी के अलावा टीआर सिंह के भांजे डब्लू सिंह (46) को गंभीर अवस्था में मकान से निकालकर लोहिया अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक चारों की सांसे थम चुकी थी।
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वहीं कुछ घंटें बाद मकान की पिछली दीवार तोड़कर भीतर घुसे फायर बिग्रेड के जवानों को बाथरूम में सुमित की बहन वंदना (23) भी लगभग मृत अवस्था में मिली। अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पांचों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हादसे से एक ओर जहां मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा है, वहीं दूसरी तरफ कॉलोनीवासियों में भी गम के साथ ही सरकारी मशीनरी की लापरवाही के चलते रोष व्याप्त है।
अब तक की जांच से अनुमान है कि आग लगने की वजह शॉर्टसर्किट रही होगी। रही बात लापरवाही की तो अग्निशमन विभाग ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की थी। इसके बाद भी कही चूक रह गयी है तो इसकी जांच की जा रही है। विजय कुमार सिंह, सीएफओ लखनऊ