आरयू वेब टीम। उन्नाव दुष्कर्म मामले की सुनवाई बुधवार को दिल्ली के तीस हजारी विशेष सीबीआइ कोर्ट में हुई। इस दौरान सीबीआइ ने जज से कहा कि, उन्नाव रेप मामले में हमने जांच में पाया कि पीड़िता के आरोप बिल्कुल सही हैं। चार जून 2017 को विधायक कुलदीप सेंगर ने शशि सिंह के साथ साजिश कर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था।
पीड़िता के साथ रात आठ बजे रेप हुआ। तब पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। पीड़िता ने ये बात सबसे पहले अपनी चाची को बताई इसी पर चार्जशीट दायर की गई थी। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सिंह सेंगर के घर ले गई। पीड़िता ने सीबीआइ को जो बयान दिए उसको सीबीआइ ने जज के सामने रखा।
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सीबीआइ ने कहा कि उस समय वहां (घर) पर कोई मौजूद नहीं था। वहां पर सुरक्षाकर्मी भी नहीं थे। पीड़िता ने अपने घर में किसी को भी नहीं बताई। पीड़िता ने सीबीआइ को बताया कि शशि मुझे पीछे के दरवाजे से घर के अंदर ले गई। मैं जैसे ही घर के अंदर प्रवेश कर रही थी तभी कुलदीप सिंह सेंगर मुझे दिखा, उसने मेरा हाथ खींचा और कमरे के अंदर ले गया।
इससे पहले आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि अभी भी आरोपित विधायक सेंगर खुद को निर्दोष बता रहे हैं।
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मालूम हो कि पीड़िता को भी इलाज के लिए एम्स लाया गया है। इससे पहले उन्नाव रेप केस के तीन मामलों की मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआइ को आदेश दिया कि परिवारवालों के रहने की उचित व्यवस्था एम्स के आस-पास की जाए। साथ ही सीबीआइ से गवाहों की सुरक्षा पर सील बंद रिपोर्ट मांगी गई।
तीस हजारी कोर्ट ने गवाहों के मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी डायरेक्शन दिया। साथ ही पीड़ित के वकीलों को केस से जुड़े तमाम दस्तावेज मुहैया करवाने का भी आदेश जारी किया गया। इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत नौ आरोपितों को पेश किया गया। एक आरोपित आमिर पेश नहीं हुआ, जिसे आठ अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया।