आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी एटीएस की टीम ने बीती रात इटौंजा क्षेत्र में छापेमारी कर एक युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार करते हुए एक लाख 79 हजार के जाली नोट बरामद करने में सफलता पायी है। पकड़े गए आरोपितों में युवती व एक युवक पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है, जबकि एक अन्य युवक लखीमपुर खीरी निवासी बताया गया है। एटीएस को तीनों के पास से मिले दो हजार व पांच सौं रुपए के जाली नोट बिल्कुल असली जैसे लग रहे थे। तीनों की गिरफ्तारी के साथ ही अब एटीएस इस गैंग से जुड़ी जड़ तक पहुंचने में लग गयी है।
एटीएस के अधिकारियों के अनुसार यूपी एटीएस की टीम को काफी समय से ये जानकारी मिल रही थी कि पश्चिम बंगाल के मालदा व यूपी के विभिन्न शहरों के बीच जाली नोटों की तस्करी एक गैंग के जरिए की जा रही है। जानकारी मिलने के बाद एटीएस ने छानबीन के लिए अपने लोग लगाएं तो पता चला कि मालदा के सधारी टोला क्षेत्र निवासी 29 वर्षीय अमीनुल इस्लाम ऊर्फ कालू मालदा हाई क्वालिटी के जाली नोट लाकर डिलेवरी करने वाला है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की देर रात एटीएस की टीम ने इटौंजा इलाके में घेराबंदी कर कालू के साथ ही सधारी टोला क्षेत्र निवासी उसकी चचेरी बहन नासीबा खातून व लखीमपुर खीरी के फत्तेपुर मैगलगंज निवासी फूलचंद राठौर को भी धर दबोचा। तलाशी के दौरान एटीएस को तीनों के पास से दो हजार के 15 व 500 रुपए के 148 नोट के साथ ही तीन मोबाइल फोन बरामद हुए।
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पकड़े गए अमीनुल, नसीबा व फूलचंद के खिलाफ लखनऊ के एटीएस के थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 489 ए, बी व सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एटीएस को शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि अमीनुल मालदा से जाली नोट लाकर यूपी के कई शहरों के साथ ही अन्य राज्यों में सप्लाई करता था।
एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद मालदा की तरफ से आने वाला और यूपी में उच्च गुणवत्ता वाली जाली नोटों का ये सबसे बड़ा मामला है। वहीं अब एटीएस इन नोटों का स्त्रोत तलाशने के साथ ही इस बात का भी पता लगाने में लग गयी है कि इस धंधे से जुड़े लोग यूपी के अलावा अन्य राज्यों में कहां-कहां अपना नेटवर्क फैला चुके हैं।