आरयू वेब टीम। हैवानों द्वारा नोचें जाने और फिर महीनों की जद्दोजेहद के बीच हमला कर जिंदा जला देने के बाद आखिरकार 23 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता जिंदगी की जंग हार गयी। गुरुवार की भोर में खुद को इंसाफ दिलाने की लड़ाई के लिए घर से निकली गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाने के बाद बेहद गंभीर स्थिति में गुरुवार की देर शाम राजधानी लखनऊ से एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती किया गया था।
जहां आज रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गयी। पीड़िता के मौत की जानकारी होने पर देर रात तक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया था।
दूसरी ओर बेटी की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा था। घरवालों ने मीडिया को बताया कि सफदरजंग अस्पताल में मौजूद अपने बड़े भाई से पीड़िता पूछ रही थी कि भइया क्या मैं बच जाउंगी। मैं जीना चाहती हूं। दोषियों को छोड़ना नहीं है।
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सफदरजंग अस्पताल की बर्न और प्लास्टिक सर्जरी की विभागाध्यक्ष डॉ. शलभ कुमार ने मीडिया को बताया कि, पीड़िता को रात 11 बजकर दस मिनट कार्डिक अरेस्ट आया था। जिसे बचाने के लिए डॉक्टरों ने काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी और रात 11 बजकर 40 मिनट पर हैवानियत का शिकार युवती की मौत हो गयी।
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उल्लेखनीय है कि उन्नाव जिले की निवासी 23 वर्षीय युवती का अपहरण कर शिवम त्रिवेदी व शुभम त्रिवेदी ने रायबरेली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में ले जाकर गैंगरेप किया था। सरकारी सिस्टम की मनमानी और संवेदनहीनता के चलते महीनों की मशक्कत के बाद गैंगरेप की शिकार युवती दोनों के खिलाफ लालगंज कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराने में कामयाब हो सकी थी।
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गुरुवार तड़के अपने इसी मुकदमे की पैरवी के लिए पीड़िता ट्रेन पकड़कर रायबरेली जाने के लिए घर से निकली थी। इसी बीच बिहार थाना क्षेत्र में घात लगाए अपने साथी हरिशंकर त्रिवेदी, उमेश वाजपेयी रामकिशोर त्रिवेदी के साथ बैठे गैंगरेप के आरोपित शिवम व शुभम ने उसपर हमला कर दिया।
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चाकू, के अलावा लाठी-डंडे से वार करने के बाद हैवानों ने साथ लाए पेट्रोल को गैंगरेप पीड़िता पर डालकर आग लगा दी। आग की लपटों में घिरी पीड़िता करीब आधा किलोमीटर दूर तक चीखते हुए भागती रही और फिर एक ग्रामीण के मोबाइल से खुद ही पुलिस को सूचना दी।
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वहीं ग्रामीणों ने बेहद गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता को पास के सीएचसी पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने हालत को काफी नाजुक बताते हुए उसे कानपुर के हैलेट और फिर वहां से डॉक्टर ने राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। करीब आठ घंटें सिविल अस्पताल में भर्ती रहने के बाद वहां भी डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़ा कर दिए। जिसके बाद एयरलिफ्ट कर हैवानों का शिकार बनी युवती को गुरुवार की रात दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।