आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानमंडल का बजट सत्र के दौरान शुक्रवार विधान भवन में अंतिम दिन सिर्फ पांच मिनट में बजट तथा तीन मिनट में विधेयक पारित हो गया। सदन वैसे तो सात मार्च तक चलना था, लेकिन सरकार के इसे आज समाप्त करने पर विपक्ष ने मौन रखा और नेता मुंह पर मास्क लगाकर बैठे।
वहीं सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानमंडल का बजट सत्र आज ही खत्म हो गया। आज सदन की कार्यवाही का 16 वां दिन है। सदन की 13 फरवरी से शुरूआत हुई थी। इसके बाद विपक्ष से सरकार के रवैये की आलोचना की। इस बीच सरकार ने पांच मिनट में बजट तथा तीन मिनट में विधेयकों को पारित कराया। उन्होंने कहा कि विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने के लिए एक समिति बनाई जाएगी और उसकी सिफारिश पर सरकार काम करेगी।
साथ ही योगी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि सदन आज ही समाप्त होने पर बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं, इससे पहले तमाम मुद्दों को लेकर 48 घंटे लगातार सदन हम लोगों ने चलाने का काम किया था। उस वक्त सभी दलों के नेताओं ने सहमति दी थी, लेकिन बाद में कोई भी सदन में नहीं आया। संसद की तर्ज पर विधानसभा की कार्यवाही को कैसे समृद्ध बनाया जाए इस पर विपक्ष को भी विचार करना चाहिए। दलीय नेता तो बोलते हैं, लेकिन नए सदस्यों को मौका नहीं मिल पाता उनके अंदर कुछ कर गुजरने की तमन्ना होती है।
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योगी ने विधायक निधि को लेकर कहा इस पर समिति संशोधन करे और बताये अभी किन किन योजनाओं को इसमे मर्ज करना है वह आज की जरूरत के अनुसार बताये। वेतन और भत्तों के बारे मे भी वित्त मंत्री की अध्यक्षता में यह कमेटी बने फिर इस पर विचार हो। विधायक निधि तीन करोड़ की गई है, पहले दो करोड़ थी।
वहीं मुख्यमंत्री ने विपक्ष से अपील की, मुंह पर पट्टी न बांधे अगर वह बोलना चाहे तो बोले मैं आग्रह करता हूं। नेता विपक्ष बोलें, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने हाथों से इशारा कर कहा कि आप ही बोले मैं नहीं बोलूंगा। इस पर मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष से चुटकी भरे लहजे में कहा कि नेता विरोधी दल और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कोई फिल्म बनेगी तो बड़ी हिट होगी, क्योंकि वह उनके मित्र हैं और अगर नेता विरोधी दल कहे तो मैं उनके लिए भी एक कमेटी बना सकता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दलीय नेताओं को धन्यवाद देता हूं। सभी माननीय सदस्यों को धन्यवाद देता हूं और सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष देना या दीक्षित व प्रमुख सचिव विधानसभा को भी धन्यवाद देता हूं।
विपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह नीति बेहद निंदनीय है। कार्य मंत्रणा में विधानसभा का सत्र सात मार्च तक चलना था। सरकार के इस फैसले का बसपा तथा कांग्रेस ने विरोध किया और सदस्य बाहर चले गए। समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता विपक्ष ने मुंह पर मास्क लगाकर सदन में बैठे रहे और सरकार की कार्यवाही का विरोध किया।