आरयू ब्यूरो
लखनऊ। आज से आपको उत्तर प्रदेश में शायद ही बिना मतलब की लाल-नीली बत्ती की धौंस देखने और सायरनों के चिल्ल-पों सुनने को मिले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीआईपी कल्चर पर रोक लगाते हुए लाल-नीली बत्तियों और सायरन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। आज मुख्यमंत्री ने अपनी गाड़ी से भी लाल बत्ती हटवा दी। इसके अलावा उनके कई मंत्रियों ने भी अपनी बत्ती उतरवा दी हैंं।
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हालांकि इस आदेश के दायरे से फॉयर बिग्रेड, एम्बुलेंस और पुलिस जैसे इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा गया है। दूसरी ओर नेता, मंत्री को इस आदेश का उल्लघन करते पकड़े जाने पर सीएम ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इसके साथ ही लाल-नीली बत्तियों और सायरन पर रोक लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य भी बन गया। दूसरी ओर योगी के आदेश से लाल-नीली बत्ती का कारोबार भी प्रदेश में आज से लगभग ठप हो जाएगा।
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बतातें चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में पहले करते हुए हाल ही में एक मई यानि की मजदूर दिवस के मौके पर देश से वीआईपीए कल्चर समाप्त करने के लिए लाल-नीली बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने की घोषणा की थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बेहतरीन पहल को 21 अप्रैल से उत्तर प्रदेश में लागू करने का आदेश जारी कर दिया है।
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वीआईपी कल्चर पर तगड़ा हमला करते हुए लिए गए इस फैसले से जनता को राहत मिलना तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि योगी का फरमान जारी होते ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या समेत मंत्री सत्यदेव पचौरी, भूपेंद्र चौधरी, रमापति शास्त्री व कुछ अन्य मंत्रियों ने कल ही अपने वाहनों से लाल बत्ती हटा दी थी।
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गौरतलब है कि देश भर में लाल-नीली बत्ती की आड़ लेकर अपराधियों समेत नेता, अफसरों के परिजन और परिचित नियम कानून ताख पर रखकर वाहन सड़कों पर दौड़ा रहे थे। इन नजायज रसूखदारों को वीआईपी कल्चर के चलते पुलिस तक जल्द रोकने की हिम्मत नहीं दिखा रही थी।