आरयू ब्यूरो, लखनऊ/कानपुर। कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिसवालों की हत्या के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। चौबेपुर थाने के थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है और एसटीएफ पूछताछ में जुटी हुई है। जबकि पुष्पराज सिंह को चौबेपुर थाने का चार्ज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी एसटीएफ के द्वारा सभी चश्मदीद और जो संदेह के घेरे में हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है। विनय तिवारी पर इसलिए भी ज्यादा संदेह गहराया, क्योंकि वह विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में सबसे पीछे थे। जब पुलिस पर बदमाशों ने हमला किया तो वह मौके से भाग निकले।
वहीं इस घटना से 24 घंटे पहले तक की कॉल डीटेल्स पुलिस ने निकाल ली है। सूत्रों की मानें तो खबर है कि पुलिस महकमे के भी कई लोग इस जघन्य हत्याकांड से 24 घंटे पहले तक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के संपर्क में थे। सूत्रों के मुताबिक जो कॉल डीटेल्स सामने आई हैं, उसे आधार पर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस की रेड होने वाली है, इस खबर को विकास दुबे तक किसी पुलिसवाले ने ही पहुंचाया है। हालांकि पुलिस महकमे का कोई भी अधिकारी इस पर बात नहीं कर रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक शक के घेरे में एक दरोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड भी है। इन तीनों की कॉल डीटेल्स के आधार पर इनसे पूछताछ भी हुई है।
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कानपुर मामले में अपराधियों को पकड़ने के लिए 100 टीमें बनाई गई हैं। इस हजार जवानों को विकास दुबे की तलाश में तैनात किया गया है। विकास को पनाह देने वालो पर भी सख्त कार्रवाई होगी। अब विकास दुबे की तलाश पुलिस मध्य प्रदेश के बॉर्डर तक पहुंच गई है। वहीं विकास दुबे समेत 35 लोगों पर पुलिसकर्मियों की हत्या और हथियारों की लूट के मामले में केस दर्ज किया गया है।