आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को एक जमीन को लेकर उठे विवाद ने पूर्व विधायक निर्वेंद मिश्रा की जान ले ली। जबकि दबंगों के हमले में घायल निर्वेंद मिश्रा का बेटा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। विधायक के परिजनों ने दबंगों पर पीट-पीटककर निर्वेंद मिश्रा की हत्या करने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस के अधिकारी निर्वेंद्र मिश्रा के शरीर पर कोई जाहिरा चोट नहीं मिलने का दावा कर रहें हैं। हालांकि पूर्व विधायक की मौत अंदरूनी चोटें के चलते भी हो सकती है। पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाने के साथ ही आगे की जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि लखीमपुर खीरी की निघासन विधानसभा से दो बार निर्दलीय व एक बार सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बन चुके निर्वेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ मुन्ना की त्रिकोलिया पढुआ बस अड्डे के मेन रोड पर जमीन है। इस पर विवाद के चलते मामला न्यायालय में विचाराधीन है। विवादित जमीन पर विपक्षी किशन कुमार गुप्ता रविवार को सैकड़ों लोगों के साथ कब्जा करने पहुंच गए। यह देख पूर्व विधायक भी अपने लोगों के साथ मौके पर पहुंचे।
आरोप है कि कब्जा रोकने के लिए दबंगों ने पूर्व विधायक की लात-घूंसों से पिटाई कर दी। बचाव में दौड़े पूर्व विधायक के बेटे संजीव कुमार को पीटा गया। इससे दोनों की हालत बिगड़ गई। परिवार वालों ने दोनों को वाहन पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। रास्ते में पूर्व विधायक की मौत हो गई। संजीव को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पूर्व विधायक के परिवार का आरोप है कि विपक्षीगण सैकड़ों हथियार से लैस लोगों को लेकर आए थे और उन्होंने पीट-पीटकर पूर्व विधायक की जान ले ली, जबकि बेटे को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना को लेकर ग्रामीणों व पूर्व विधायक के समर्थकों में रोष व्याप्त है।
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वहीं इस मामले में लखीमपुर खीरी के एसपी सतेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया है कि पूर्व विधायक निर्वेंद्र मिश्रा की मौत विवाद के दौरान गिरने से हुई है। उनके शरीर पर जाहिरा चोट के कोई निशान नहीं मिलें हैं, हालांकि मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो पाएगा।
साथ ही एसपी ने कहा है कि पूर्व विधायक और समीर गुप्ता पुत्र किशन लाल गुप्ता व राधेश्याम गुप्ता के बीच विवादित जमीन के कब्जे को लेकर वाद विवाद हुआ था। विवादित जमीन समीर गुप्ता के नाम से थी, जिसके कब्जे को लेकर निर्वेंद्र मिश्रा द्वारा विरोध किया जा रहा था। इससे पहले पूर्व विधायक और उनके बेटे को शांतिभंग की कार्रवाई भी हो चुकी है। निर्वेंद्र मिश्रा व उनके पुत्र के खिलाफ पूर्व में 107/116 सीआरपीसी की कार्रवाई भी की गई थी।
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वहीं ग्रामीणों का कहना था कि निर्वेंद्र मिश्रा ने साढ़े तीन एकड़ जमीन ही बेची थी, जबकि दबंग गुंडई के दम पर उनकी पूरी करीब साढ़े चार एकड़ जमीन पर कब्जा करना चाहते थे, जिसका पूर्व विधायक लगातार विरोध कर रहे थे, कोर्ट में मामला चलने के बाद भी आज दबंगों ने असलहे व लाठी-डंडों से लैस होने के बाद निर्वेंद्र मिश्रा पर हमला बोलकर उनकी जान ले ली, जबकि बेटे को घायल कर दिया। इस दौरान पूर्व विधायक के परिजनों ने दबंगों व पुलिस के बीच सांठ-गांठ का भी आरोप लगाते हुए हत्यारोपितों के साथ ही पुलिसवालों पर भी कार्रवाई करने की मांग उठाई।