आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा बीते दिनों कमलनाथ के स्टार प्रचारक की सूची से नाम हटाए जाने के फैसले पर रोक लगा दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि ये अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से पूछा कि आपको किसी नेता का स्टार प्रचारक की सूची से नाम हटाने का अधिकार किसने दिया। कोर्ट ने कहा कि आप चुनाव आयोग हैं या किसी पार्टी के नेता। हम इस मामले को व्यापक तरीके से देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वहीं, चुनाव आयोग ने कहा कि प्रचार खत्म हो चुका है और कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है।
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मालूम हो कि मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव कल यानी मंगलवार को होने हैं। चुनाव प्रचार का शोर रविवार की शाम थम गया। चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ ने कई सभाओं में कथित विवादास्पद बयान दिए थे। एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने इमरती देवी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते हुए “आइटम” कह दिया था।
वहीं, कमलनाथ ने गुना के बमौरी की एक सभा में “शिवराज नौटंकी के कलाकार हैं, उन्हें मुंबई जाकर एक्टिंग करनी चाहिए” जैसे बयान दिए थे। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आयोग से शिकायत की थी। कमलनाथ ने यह भी कहा था, “आपके भगवान तो वो माफिया है, जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई, आपके भगवान तो मिलावट खोर हैं”।