आरयू ब्यूरो लखनऊ। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जहां दिल्ली बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं विपक्षी दलों ने भी सोमवार को किसानों के समर्थन में अपने-अपने ढ़ग से प्रदर्शन किया। इसी क्रम में सोमवार को राजधानी लखनऊ अपने प्रदेश मुख्यालय पर रालोद ने कृषि कानूनों के विरोध में हवन किया। रालोद ने कहा है कि इस हवन के जरिए चाहतें हैं कि केंद्र सरकार को अक्ल आ जाए और वह किसानों के हित में सोचते हुए काले कानूनों को वपस ले।
इस दौरान रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता के कारण पूरे देश का किसान आंदोलित है। कड़ाके की ठंड में सरकार ने इन निहत्थे किसानों पर आंसू गैस तथा वाटर कैनन का भी बलपूर्वक प्रयोग किया, लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया।
भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए मसूद ने कहा कि कृषि प्रधान देश में इन डबल इंजन की सरकारों द्वारा देश के किसानों का यह ऐतिहासिक अपमान भारतीय लोकतंत्र पर बदनुमा दाग है, साथ ही इसकी निंदा विश्व पटल पर भी हो रही।
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वहीं रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने किसानों के समर्थन में कहा कि 19 दिनों से अपनी जाएज मांगों के लिए किसान लगातार आंदोलन कर है, लेकिन घमंड में चूर भाजपा सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है। सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए और तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी किसान विरोधी सरकार आज तक नहीं आयी।
हवन के दौरान राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंदनाथ त्रिवेदी महानगर अध्यक्ष चन्द्रकांत अवस्थी, राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा, युवा रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल, युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल, छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक सिंह चौहान, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अंकुर सक्सेना, वसीम हैदर, प्रो. यज्ञदत्त शुक्ल, मनोज सिंह चौहान, इकराम सिंह, रमावती तिवारी, प्रीति श्रीवास्तव, रामदीन भारती व बेला प्रताप राजवंषी व अन्य मौजूद रहें।