आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बीते महीने हुए पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में पुलिस ने पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह को हत्या की साजिश रचने का आरोपित बनाया है। वहीं, सीजेएम लखनऊ की कोर्ट ने शनिवार को पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
पुलिस ने विवेचना और शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के बयान के आधार धंनजय सिंह को अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोपित बनाया है। पुलिस की इस अर्जी पर ही कोर्ट ने धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। धनंजय पर घायल शूटर राजेश तोमर का इलाज कराने का भी आरोप लगा है।
वारंट मिलते ही पुलिस की दो टीमें धनंजय सिंह को गिरफ्तार करने के लिये बना दी गई। शनिवार शाम विभूतिखंड पुलिस ने गोमतीनगर विस्तार स्थित शारदा अपार्टमेंट के ओ ब्लॉक में धनंजय के फ्लैट 703 में छापा मारा। यहां किसी के न मिलने पर एक टीम ने गुड़म्बा में कुर्सी रोड स्थित इंडेन इन्क्लेव स्थित दूसरे आवास पर भी दबिश दी। यहां उनके कर्मचारी ही मिले। घर पर कोई अन्य मौजूद नहीं मिला। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि जौनपुर पुलिस को भी वारंट के बारे में बता दिया गया है।
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गौरतलब है कि छह जनवरी को कठौता चौराहे पर अजीत सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस घटना में उसका साथी मोहर सिंह भी घायल हुआ था। मोहर ने एफआइआर करायी थी कि आजमगढ़ जेल में बंद ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखण्ड ने अजीत की हत्या करवायी है। इसमें छह शूटर गिरधारी, रवि यादव, राजेश तोमर, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेन्द्र सिंह उर्फ अंकुर और संदीप सिंह उर्फ बाबा ने गोलियां चलायी थी। इस गैंगवार में शूटर राजेश तोमर घायल हो गया था।
हत्या के पांच दिन बाद 11 जनवरी को गिरधारी नाटकीय तरीके से दिल्ली में गिरफ्तार हो गया था। उसे अजीत हत्याकाण्ड में लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया था। फिर 13 जनवरी को तीन दिन की रिमाण्ड पर पुलिस ने लिया था। 15 जनवरी को तड़के सहारा अस्पताल के पास दरोगा की पिस्टल छीनकर भागते समय गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।