स्‍टे के बावजूद लखनऊ पुलिस NRC विरोधियों के घर चस्‍पा कर रही कुर्की की नोटिस, कांग्रेस जाएगी कोर्ट: शाहनवाज

मुसलमान वापसी
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। एनआरसीए व सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल के मामले में आरोपितों पर लखनऊ पुलिस ने एक बार‍ फिर कार्रवाई करने की तेजी दिखानी शुरू कर दी है। वहीं कांग्रेस ने गुरुवार को पुलिस प्रशासन पर भेदभाव व कोर्ट की आवमानना करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है।

आज अपने एक बयान में कांग्रेस अल्‍पसंख्‍यक प्रकोष्‍ठ के प्रदेश अध्‍यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा है कि एनआरसी विरोधी आंदोलन में शामिल लोगों की संपत्ति की कुर्की के आदेश पर कोर्ट द्वारा स्टे होने के बावजूद लखनऊ प्रशासन लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा कर रहा है।

शाहनवाज ने लखनऊ निवासी आरोपित अब्दुल तौफीक का मामला उठाते हुए कहा कि अब्‍दुल तौफीक को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव ने 14 अक्टूबर को ही कुर्की की कार्रवाई के खिलाफ स्टे दे दिया था। अब्दुल तौफीक ने 16 जून को तहसीलदार सदर के कुर्की आदेश की वैधता को चुनौती दी थी। जिस पर दो सदस्यीय बेंच से सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखने के लिए चार हफ्ते के मोहलत की गुहार की थी। जिसे अदालत ने मान लिया था और अगली तारीख से पहले तक किसी तरह की वसूली पर रोक लगा दी थी, इस मामले में अभी तक कोई तारीख नहीं मिली है। इसके बावजूद लखनऊ पुलिस प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनते ही अपने ऊपर दर्ज

वहीं प्रदेश अध्‍यक्ष ने योगी सरकार की कार्यप्रणाल को निशाने पर लेते हुए कहा है कि एक तरफ तो अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनते ही अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों को हटा देते हैं, साथ ही उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर दुर्गा पूजा की फर्जी रसीद छपवाकर चंदा इकट्ठा करने जैसे मामले में भी दर्ज मुकदमा समाप्‍त कर दिया जाता है, लेकिन दूसरी ओर अदालत से जवाब दाखिल करने की मोहलत लेकर भी सरकर जवाब दाखिल नहीं करती, बल्कि उल्टे कोर्ट का अवमानना करते हुए बेगुनाहों से वसूली करने पहुंच रही है।

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शाहनवाज आलम ने आरोप लगाया है कि ऐसा सिर्फ लखनऊ में ही नहीं हो रहा है, बल्कि हर मोर्चे पर विफल मुख्यमंत्री के शह पर पूरे प्रदेश में ऐसा किया जा रहा। जिसका मकसद संविधान विरोधी एनआरसी के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाना और इसके बहाने पुलिस को अवैध वसूली का अवसर देना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विधि विभाग कोर्ट की अवमानना में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई के लिए अदालत जाएगा।

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