कांग्रेस ने कहा, “कोरोना की टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट व टीकाकरण में फेल हुई योगी सरकार” ये मांगें भी उठाईं

टेस्टिंग ट्रैकिंग
डॉ. उमा शंकर पांडेय। (प्रदेश प्रवक्ता , कांग्रेस)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ समेत उत्‍तर प्रदेश में तेजी से फैल चुके कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्‍ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा है कि योगी सरकार कोरोना की टेस्टिंग, ट्रैकिंग व ट्रीटमेंट के साथ ही टीकाकरण में भी फेल हो चुकी है।

सोमवार को अपने एक बयान में कांग्रेस प्रवक्‍ता ने मीडिया से कहा कि दूसरे चरण में कोरोना महामारी की भयावहता विकराल रूप धारण कर चुकी है। डबल म्यूटेन्ट वैरिएन्ट पहले से ज्यादा संक्रामक हो गया है। लखनऊ में संक्रमण दर पिछले साल के मुकाबले लगभग चार गुना बढ़कर 17.5 प्रतिशत हो चुकी है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह दर 19 प्रतिशत के बेहद चिन्ताजनक स्तर तक पहुंच गयी है। ऐसी विकट स्थिति के बाद भी सरकार आवश्यक व्यवस्थाएं करने में अब तक पूरी तरह से निष्क्रिय है।

उमा शंकर पांडेय ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चुनावी पर्यटन पर हैं। उनकी पूरी ऊर्जा बयानबाजी पर केन्द्रित हो गयी है, यही वजह है कि कोरोना की स्थिति भयावह हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा कि कांग्रेस द्वारा बार-बार टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट व टीकाकरण में युद्ध स्तर की तैयारी की ओर ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद योगी सरकार कोरोना महामारी की भयावहता को अभी भी नजरंदाज कर रही और कोरोना संक्रमण दर के मामले में यूपी देश में चौथे नंबर पर पहुंच गया है।

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लखनऊ की बात करते हुए उमाशंकर ने आगे कहा कि हालात बदतर होते जा रहें। राजधानी में विद्युत शवदाह गृहों की लगभग न के बराबर उपलब्धता और लंबी वेटिंग को देखते हुए लकड़ी की चिता पर अंतिम संस्कार की इजाजत दी गयी, जिसके बाद नगर निगम द्वारा लकड़ी की भी अनुपलब्धता उजागर हो गई। आनन-फानन में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी दूसरे जिलों से मंगानी पड़ी।

कांग्रेस प्रवक्‍ता ने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि लखनऊ में इलाज के लिए प्रदेश के समस्त जनपदों से लोग पहुंचते हैं, जबकि कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए एल-3 बेडों की व्यापक कमी है। पिछले साल केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया, एसजीपीजीआई लखनऊ में 850 एल-3 बेडों की व्यवस्था की गई थी। इस बार महामारी की व्यापकता के बावजूद क्रियाशील बेडों की संख्या महज 495 ही हो पाई है। ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए सरकार को तत्काल एल-3 के 2 हजार बेडों की व्यवस्था करे।

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साथ ही जनता की जान बचाने के लिए योगी सरकार बिना देर किये प्रदेश के सभी जनपदों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना की जांच और आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराए। जिससे लोगों की जांच और पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज हो सके। कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया जाए और 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों को भी कोरोना जांच और वैक्सीनेशन की व्यवस्था कराई जाए। इसके अलावा योगी सरकार प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनिशेन एवं जांच तथा सभी सरकारी अस्पतालों एवं संस्थानों में निशुल्‍क आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था के साथ ही 24 घंटे में जांच रिपोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराए।