आरयू वेब टीम। ‘हमारी सरकार ने अपने इंजीनियरों-वैज्ञानिकों और तेजस की क्षमताओं पर भरोसा किया और आज तेजस शान से आसमान में उड़ान भर रहा। आत्मनिर्भर भारत से देश का डिफेंस सेक्टर मजबूत हुआ है और भारत 40 से ज्यादा देशों को हथियार निर्यात कर रहा है। कुछ सप्ताह पहले ही तेजस के लिए 48 हजार करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया गया है। एमएसएमईएस पूरे मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर के लिए रीढ़ का काम करती हैं। आज जो बदलाव हो रहे हैं, उससे एमएसएमईएस को ज्यादा आजादी मिल रही है, उनको एक्सप्लेंड करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021-22 के बजट की घोषणाओं और भारत के रक्षा क्षेत्र पर सोमवार को आयोजित वेबिनार को संबोधित कर कही। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, ‘रक्षा के कैपिटल बजट में भी घरेलू खरीद के लिए एक हिस्सा रिज़र्व कर दिया गया है। मैं प्राइवेट सेक्टर से आग्रह करूंगा कि मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिज़ाइन और डेवल्पमेंट में भी आप आगे आएं, भारत का विश्व भर में परचम लहराएं।
यह भी पढ़ें- सेना को अचूक निशाने वाला अर्जुन टैंक सौंप PM मोदी ने पुलवामा के शहीदों को याद कर कहा, उनकी बहादुरी करती रहेंगी प्रेरित
साथ ही मोदी ने कहा, ‘भारत ने डिफेंस से जुड़े ऐसे सौ महत्वपूर्ण डिफेंस आइटम्स की लिस्ट बनाई है, जिन्हें हम अपनी स्थानीय इंडस्ट्री की मदद से ही मैन्युफैक्चर कर सकते हैं। इसके लिए टाइमलाइन इसलिए रखी गई है ताकि हमारी इंडस्ट्री इन जरूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य हासिल करने के लिए प्लान कर सकें।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी भाषा में ये नकारात्मक सूची है, लेकिन आत्मनिर्भरता की भाषा में ये सकारात्मक सूची है। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है जिसके बल पर हमारी अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ने वाली है। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है जो भारत में ही रोजगार निर्माण का काम करेगी।
पीएम ने आगे कहा, ‘आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां होती थीं। दोनों विश्व युद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे। लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया, जितना किया जाना चाहिए था।’ ‘देश में आज जो डिफेंस कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, वो भी स्थानीय उद्यमियों, लोकल मैन्युफैक्चरिंग को मदद करेंगे यानि आज हमारे डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को हमें ‘जवान भी और नौजवान भी’, इन दोनों मोर्चों के सशक्तिकरण के रूप में देखना होगा।