आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को भाजपा ने बंधक बना लिया है। साथ ही सपा सुप्रीमो ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता और हिंसा किया जाना लोकतंत्र का उपहास है।
अखिलेश ने जारी अपने बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपा के लोग सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं और पुलिस-प्रशासन लोकतंत्र की हत्या के समय मूकदर्शक बन तमाशा देखता रहा। सपा मुखिया ने कहा कि सिद्धार्थनगर के इटवा ब्लाक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ दुर्व्यवहार और उनकी गाड़ी को तोड़ा जाना निंदनीय है।
इसके अलावा हरदोई में साण्डी ब्लाक में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ राजपाल कश्यप का पर्चा फाड़ दिया गया। सम्भल, बस्ती का गौर, झांसी के बड़ागांव ब्लाक, सीतापुर में कसमण्डा ब्लाक, कानपुर के बिल्हौर और शिवराजपुर, बुलन्दशहर, ललितपुर, उन्नाव, गाजीपुर, गोरखपुर, महराजगंज के सिसवा, परतावल, पनियरा, सदर, देवरिया के भटनी, चित्रकूट के मानिकपुर और कर्वी, एटा के मारहरा में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के नामांकन में भाजपाईयों ने अवरोध पैदा किया।
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इतना ही नही बहराइच में ब्लॉक प्रमुख नामांकन के दौरान पुलिस ने सपा के नेताओं पर लाठीचार्ज किया। यहां पूर्व विधायक शब्बीर वाल्मीकि और जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव सहित कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए। महाराजगंज के घुघली ब्लाक के समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी का पर्चा भाजपा नेताओं ने छीन लिया। घटना का विरोध करने पर सपा कार्यकर्ताओं को पीटा गया। चुनाव की कवरेज कर रहे कन्नौज में पत्रकारों को पीटकर बंधक बना लिया गया।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के एजेन्ट की भूमिका में हैं। ये लोकतांत्रिक प्रणाली को दूषित करने का कृत्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिन ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों का नामांकन नहीं हुआ है, उन्हें अवसर देकर नामांकन कराने की व्यवस्था की जाए अथवा पूरी प्रक्रिया फिर से की जाए। लोकतंत्र का भाजपा ने बहुत अहित किया है।
यूपी में संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। प्रत्याशियों को धमकी दी जा रही है। कई जिलों में भाजपा ने पर्चा नहीं लेने दिया। समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के पर्चे छीन लिए गए। जनता में भाजपा के विरूद्ध भारी जनाक्रोश है। वह 2022 में विधानसभा के चुनाव में जनता पूरा हिसाब-किताब करेगी।