आरयू ब्यूरो,लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहत दे दी है। जिसके बाद मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से मुख्तार अंसारी सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने नामांकन फार्म भरने के लिए से इजाजत दे दी है। नामांकन की औपचारिकताओं को पूरी करने के लिए मुख्तार के अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों को बांदा जेल में जाने की अनुमति मिल गई है।
गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने यह आदेश मुख्तार अंसारी की ओर से दी गई अर्जी पर उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह और अभियोजन को सुनने के बाद पारित किया।
सुनवाई के बाद एडीजे ने जेल अधीक्षक बांदा को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया। मऊ में आखिरी चरण में सात मार्च को वोटिंग होनी है। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
दरअसल मुख्तार के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने कोर्ट में अर्जी दी थी। इसमें बताया था कि मऊ की सदर विधानसभा से मुख्तार अंसारी विधायक हैं। वह विधानसभा चुनाव 2022 में इसी सीट से नामांकन करना चाहते हैं। मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है। नामांकन की प्रक्रिया 10 से 17 फरवरी तक चलेगी। नामांकन पत्र एवं उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर प्रत्याशी की चल-अचल संपत्ति, मुकदमों से संबंधित ब्योरा दर्ज किया जाता है। नामांकन पत्र पर उम्मीदवार का हस्ताक्षर होता है। ऐसे में नामांकन की औपचारिकता पूरी कराने के लिए अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावकों, फोटोग्राफर को बांदा जेल जाने की अनुमति दी जाए।
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पूर्वांचल की हॉट सीट मानी जाने वाली मऊ सदर सीट हमेशा चर्चाओं में रहती है। मऊ सदर सीट लंबे समय से मुख्तार अंसारी का गढ़ रहा है। 1996 से लेकर अब तक इस सीट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है। पिछली बार बसपा के टिकट पर मुख्तार अंसारी यहां से विधायक बने थे। इस सीट पर आजतक भाजपा को जीत नहीं मिली है। 2017 में मोदी-योगी लहर के बावजूद जिले की 4 में से 3 सीटों पर भाजपा ने जीती, लेकिन मऊ सदर हार गई।