आरयू वेब टीम।
विपक्षी दलों को योगी सरकार पर हमलावर होने का मौका देने वाली बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपित आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गयी। इंस्पेक्टर की हत्या सहित हिंसा के मामले में बजरंग दल के स्थानीय नेता योगेश राज की पुलिस करीब एक महीने से तलाश कर रही थी। हालांकि तमाम दबाव और कोशिशों के बावजूद योगेश राज लगातार पुलिस की टीम, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ को चकमा दे रहा था। बुधवार की देर रात मुखबिर की सूचना बीबीनगर थाना की पुलिस टीम ने खुर्जा-बुलंदशहर बाईपास पर स्थित टी-प्वाइंट के पास से योगेश को धर दबोचा।
पुलिस के अनुसार स्याना क्षेत्र के ही निवासी सूरजभान सिंह के बेटे योगेश राज ने ही तीन दिसंबर को गोकशी की बात फैलाई और सैकड़ों की भीड़ जुटा ली। इस दौरान उसने भीड़ को उत्तेजित करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद हिंसा भड़की थी।
क्षेत्राधिकारी स्याना राघवेंद्र कुमार मिश्रा ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि योगेश का मेडिकल कराया गया है। वहीं मेडिकल के बाद आरोपित योगेश को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
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बताते चलें कि बुलंदशहर में भीड़ द्वारा बीते तीन दिसंबर को जबरदस्त हिंसा की गयी थी। इस दौरान बेकाबू हुई भीड़ ने आगजनी, पथराव के साथ ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इंस्पेक्टर जान की बाजी लगाकर उपद्रव कर रही भीड़ को रोकने का प्रयास कर रहे थे। वहीं एक युवक सुमित कुमार की भी हत्या कर दी गयी थी।
हिंसा के बाद स्याना पुलिस थाने में 27 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इससे पहले योगेश राज की ही शिकायत पर पुलिस ने गोहत्या के आरोप में सात नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं बुलंदशहर हिंसा के मामले में अब भी 12 नामजद समेत दर्जनों अज्ञात को सलाखों के पीछे पहुंचाने में अब तक यूपी की पुलिस फेल ही साबित हो रही है।
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