आधा दर्जन विधायकों के साथ सपा में शामिल होकर स्‍वामी प्रसाद मौर्या ने लिया भाजपा को उखाड़ फेकने का संकल्‍प, बोले, अब होगा 85-15 का मुकाबला

स्वामी प्रसाद मौर्या
अखिलेश के साथ योगी सरकार को छोड़कर आने वाले विधायक व अन्या। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। हाल ही में योगी सरकार से किनारा करने के बाद भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक स्‍वामी प्रसाद मौर्या ने आज अपने करीब आधा दर्जन विधायक, पूर्व मंत्रियों व अन्‍य सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा की सदस्‍यता ली। सपा मुख्‍यालय पर आयोजित कार्यक्रम में सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने स्‍वामी प्रसाद मौर्या के अलावा योगी सरकार में मंत्री रहे एवं विधायक धर्म सिंह सैनी, पूर्व मंत्री एवं विधायक भगवती सागर, विधायक व पूर्व मंत्री विनय शाक्य, विधायक रोशन लाल वर्मा, विधायक मुकेश वर्मा विधायक, विधायक चौधरी अमर सिंह को लाल पगड़ी पहनाकर सपा में स्‍वागत किया।

इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्‍वामी प्रसाद मौर्या ने कहा समाजवाद और आंबेडकरवाद को बचाना पहला कर्तव्य है। भाजपा को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है। मकर संक्रांति पर भाजपा के अंत का इतिहास लिखने जा रहा है। भाजपा के तमाम नेताओं ने संपर्क किया। वे पहले विधायकों की बात नहीं सुनते थे, इस इस्तीफे के बाद अब उनकी नींद उड़ी है।

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साथ ही भाजपा के समीकरण की बात करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 80 और 20 का नारा अब 15 और 85 का होगा। 85 हमारा है और 15 में बंटवारा होगा। वे हिन्दू के हमदर्द बनते हैं, लेकिन किया क्या। वे अजगर की तरह आरक्षण निगल रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती में क्या किया। अनुसूचित और जनजाति हिंदू नहीं है क्या। पिछड़े वर्ग के लोग हिंदू हैं तो फिर क्यों निगल गए।

वहीं स्‍वामी प्रसाद ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि हमारे पांच साल तक इस्तीफा नहीं देने पर सवाल उठ रहा है। ऐसे लोगों से कहना है कि भाजपा ने गरीबों की आंख में धूल झोंकी। केशव और स्वामी प्रसाद के नाम पर सरकार बनाई। केशव या स्वामी प्रसाद को सीएम बनाना था। फिर दूसरे का नाम आया। इसके बाद गोरखपुर से लाकर बैठा दिया।

जिसका साथ छोड़ता हूं तबाह हो जाता है, मायावती उदाहरण

योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए स्‍वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि भाजपा ने धोखा दिया है। उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 14 जनवरी का संकल्प पूरा होगा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी नहीं बनाई है। फिर भी पार्टी से हैसियत काम नहीं रखते है। अखिलेश से हाथ इसलिए मिलाया, क्योंकि वे नौजवान है और प्रगतिशील विचार रखते हैं। उनके साथ मिलकर क्रांति करेंगे। जिसका साथ छोड़ता हूं तबाह हो जाता है। मायावती उदाहरण है

संविधान बचाने किसी भी हद तक जाएंगे:धर्म सिंह

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्म सिंह ने कहा कि सपा में आने की कई वजह है। फिर से यूपी में समाजवाद कायम करना है। प्रतिबंध ना होता तो दस लाख से बड़ी रैली होती। मकर संक्रांति के दिन शपथ लेते हैं कि बाबा साहब के संविधान को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। अखिलेश यादव को सीएम बनाकर संविधान सुरक्षित करना है। इन्होंने जो सम्मान दिया वह बसपा और भाजपा में नहीं मिला। अखिलेश यादव को 2024 में प्रधानमंत्री की शपथ दिलाएंगे।

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वहीं आज पूर्व विधायक यूसुफ अली, रामहेत भारती पूर्व मंत्री, नीरज मौर्य पूर्व विधायक, हरपाल सैनी पूर्व एमएलसी, बलराम सैनी पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह पटेल पूर्व विधायक, विद्रोही धनपत राम मौर्य पूर्व राज्यमंत्री, अयोध्या पाल पूर्व मंत्री के अलावा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह, पूर्व विधायक कांग्रेस वंशीधर पहाड़िया, अखिल भारतीय संत गाडगे बाबा साहब अंबेडकर मिशन के राष्ट्रीय महामंत्री दिलीप चौधरी, अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव महेन्द्र मौर्य ने भी अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के सदस्यता ली है।